- कर्जदाताओं की समिति ने अदाणी ग्रुप द्वारा जयप्रकाश एसोसिएट्स के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है
- अदाणी ग्रुप ने 14,535 करोड़ रुपये का अधिग्रहण प्रस्ताव रखा है, जिसमें सबसे अधिक अग्रिम भुगतान है
- सूत्रों के मुताबिक, अदाणी ग्रुप को सबसे अधिक 89% वोट मिले. डालमिया सीमेंट (भारत), वेदांता समूह पीछे रहे
अदाणी ग्रुप को जयप्रकाश एसोसिएट्स के अधिग्रहण के लिए कर्जदाताओं की मंजूरी मिल गयी है. सूत्रों के मुताबिक, कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने अदाणी ग्रुप के पक्ष में वोट किया है. कंपनी के 14,535 करोड़ रुपये के अधिग्रहण प्रस्ताव में प्रतिद्वंद्वी बोलीदाताओं की तुलना में शुरुआत में अधिक भुगतान शामिल है.
अदाणी ग्रुप को मिले 89% वोट
कर्जदाताओं की एक समिति ने अदाणी समूह, वेदांता लिमिटेड और डालमिया सीमेंट (भारत) आदि दावेदारों द्वारा पेश समाधान योजनाओं (अधिग्रहण प्रस्तावों) पर मतदान किया. सूत्रों के मुताबिक, अदाणी ग्रुप को ऋणदाताओं से सबसे अधिक 89 प्रतिशत वोट मिले. उसके बाद डालमिया सीमेंट (भारत) और वेदांता समूह का नंबर रहा.
इस प्रक्रिया में नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लि.(NARCL) की सबसे बड़ी भूमिका थी क्योंकि उसके पास ऋणदाताओं की समिति के लगभग 86 प्रतिशत वोटिंग शेयर हैं. भारतीय स्टेट बैंक और ICICI बैंक सहित ऋणदाताओं के एक छोटा समूह मतदान से दूर रहा. इस समूह की कुल मिलाकर सीओसी के मतों में तीन प्रतिशत से भी कम हिस्सेदारी है.
अदाणी ग्रुप इसलिए फेवरिट रहा
सूत्रों ने बताया कि कर्जदाताओं ने अदाणी ग्रुप की योजना को मुख्य रूप से इसलिए पसंद किया क्योंकि इसमें प्रतिस्पर्धी प्रस्तावों की तुलना में काफी ज्यादा अग्रिम भुगतान की पेशकश की गई थी. बंदरगाह से लेकर ऊर्जा तक के कारोबार से जुड़े समूह ने कुल योजना मूल्य (टीपीवी) 14,535 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया है. इसमें 6,005 करोड़ रुपये अग्रिम और 6,726 करोड़ रुपये दो साल बाद देय होंगे. शुद्ध वर्तमान मूल्य के लिहाज से यह प्रस्ताव लगभग 12,000 करोड़ रुपये का बैठता है.
वेदांता ने 3,800 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान और पांच वर्षों में 12,400 करोड़ रुपये के स्थगित भुगतान की पेशकश की. इससे उसका कुल योजना मूल्य 16,726 करोड़ रुपये बैठता है. इस बारे में वेदांता के प्रवक्ता ने कहा कि वेदांता एक ग्रोथ ओरिएंटेड कंपनी है, जो हमेशा अवसरों और तालमेल की तलाश में रहती है. हमारा दृष्टिकोण अनुशासित है और हम मूल्य सृजन तथा दीर्घकालिक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
जेपी एसोसिएट्स पर 57 हजार करोड़ का डिफॉल्ट
जयप्रकाश एसोसिएट्स (JAL) को पिछले साल जून में कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) में शामिल किया गया था. कंपनी ने कुल 57,185 करोड़ रुपये के ऋणों का भुगतान नहीं किया था, जिसके बाद उसे दिवाला प्रक्रिया में लाया गया. कंपनी के पास उच्च गुणवत्ता वाली संपत्तियों के अलावा रियल एस्टेट, सीमेंट मैन्यूफैक्चरिंग, होटल, बिजली और इंजीनियरिंग एवं निर्माण क्षेत्र में वाणिज्यिक हित हैं. जेएएल के पास ग्रेटर नोएडा में जेपी ग्रीन्स, नोएडा में जेपी ग्रीन्स विशटाउन का एक हिस्सा है. ये दोनों राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके में हैं. इसके अलावा जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी जैसी प्रमुख रियल एस्टेट परियोजनाएं भी हैं, जो निर्माणधीन जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास हैं.
शुरू में 5 कंपनियों ने लगाई थी बोली
इस वर्ष अप्रैल में 25 कंपनियों ने जेएएल के अधिग्रहण में रुचि दिखाई थी. हालांकि जून में जेएएल ने बताया था कि उसे बयाना राशि के साथ पांच बोलियां मिली हैं. इनमें वेदांता, अदाणी एंटरप्राइजेज, डालमिया सीमेंट, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक शामिल हैं. अदाणी ग्रुप दो वर्षों के भीतर ऋणदाताओं को भुगतान की पेशकश कर रहा है जबकि वेदांता अगले पांच वर्षों में भुगतान की पेशकश कर रहा है. यह समझा जाता है कि डालमिया की योजनाओं में भुगतान जेएएल और विकास प्राधिकरण (वाईआईडीए) के बीच लंबित मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर निर्भर है.
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