Budget 2022 : दो साल के भीतर फाइल कर पाएंगे अपडेटेड ITR; टैक्सेशन पर अहम घोषणाएं

Budget 2022 : इस बजट में को-ऑपरेटिव सोसाइटी के लिए 18 प्रतिशत की टैक्स दर को घटाकर 15 प्रतिशत करने का ऐलान और सरचार्ज को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया गया है साथ ही, इनकम बेस को भी 1 करोड़ की जगह 10 करोड़ किए जाने की घोषणा की गई है. 

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Budget announcements : टैक्सेशन से जुड़ी कई घोषणाएं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

Budget 2022 on Taxation : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं कीं. इस बजट में को-ऑपरेटिव सोसाइटी के लिए 18 प्रतिशत की टैक्स दर को घटाकर 15 प्रतिशत करने का ऐलान और सरचार्ज को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया गया है. साथ ही, इनकम बेस को भी 1 करोड़ की जगह 10 करोड़ किए जाने की घोषणा की गई है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर अब 15 फीसदी टैक्स लगेगा.

सबसे अहम बात कि सरकार ने आयकर दरों या स्लैबों में कतई कोई बदलाव नहीं किया है. इनकम टैक्स स्लैब जस के तस बने हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर जहां टैक्स छूट की लिमिट 2.5 लाख से ऊपर करने की उम्मीद थी, उसपर भी निराशा मिली है. नौकरीपेशा वर्ग इसबार के बजट में इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद कर रहा था, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आखिरी बार टैक्स स्लैब में बदलाव 2014 में किया गया था. उस वक्त टैक्स छूट सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख कर दिया गया था. यानी लगातार 9वें साल टैक्स स्लैब नहीं बदला गया है.

बिना मिश्रण वाले ईंधन पर एक अक्टूबर से दो रुपये लीटर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगेगा. इसका मकसद पेट्रोल और डीजल में जैव ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा देना है.

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वहीं, डिजिटल असेट और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा एक बड़ा नियम लाया गया है. बजट में प्रस्ताव है कि अब क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा. वहीं, डिजिटल संपत्ति के ट्रांसफर पर भी 30 फीसदी का टैक्स लगेगा.

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वित्त मंत्री ने एक बड़े टैक्स घोषणा में कहा कि कर्मचारियों को एनपीएस में पेंशन पर टैक्स में छूट मिलेगी. वहीं, नई स्टार्टअप कंपनियों को एक साल तक टैक्स में छूट मिलेगी. 

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सरकार के पास नए टैक्स रिफॉर्म लाने की योजना है. अगले दो एसेसमेंट साल तक अपडेटेड आईटीआर संभव होगा. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि करदाता आकलन वर्ष (एसेसमेंट ईयर) के अंत से 2 वर्षों के भीतर अपडेट रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. इसके अलावा आईटीआर भरने में गड़बड़ी हुई तो सुधार का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि आयकर विभाग को पता चलता है कि कोई टैक्स पेयर आईटीआर नहीं भरा है तो फिर लंबी प्रक्रिया शुरू होती है. इस झंझट से मुक्ति देने के लिए टैक्स भरने में चूक पर सुधार का मौका दिया जाएगा. अब आईटीआर भरने में गड़बड़ी हुई तो दो साल तक सुधार करने का मौका भी मिलेगा.

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