बजट में ऐलान: रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक और कूड़ा बीनने वालों को हर महीने मिलेगी 3000 रुपये पेंशन

निर्माण मजदूर, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, कूड़ा बीनने वाले, खेती कामगार, चमड़ा कामगार और ऐसे ही काम करने वाले अन्य कामगारों को इसका फायदा मिलेगा.

बजट में ऐलान: रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक और कूड़ा बीनने वालों को हर महीने मिलेगी 3000 रुपये पेंशन

प्रतिकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली:

Budget 2019: नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करते हुए रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, कूड़ा बीनने वाले, खेती कामगार, बीडी बनाने वाले जैसे असगंठित क्षेत्र से जुड़े कामघारों को 60 साल की उम्र के बाद तीन हजार रुपए प्रति महीने की पेंशन देने का एलान किया है. बजट में 15,000 रुपये तक मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कागकारों के लिए प्रधानमंत्री  श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना शुरू करने का प्रस्ताव पेश किया है.  निर्माण मजदूर, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा कामगार, रेहड़ी-पटरी वाले, रिक्शा चालक, कूड़ा बीनने वाले, खेती कामगार, चमड़ा कामगार और ऐसे ही काम करने वाले को इसका फायदा मिलेगा. करीब 42 करोड़ कामगारों को इससे फायदा होगा. इसका नाम 'प्रधानमंत्री  श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना' रखा जाएगा. 

इस योजना के तहत यह पेंशन 60 साल की उम्र के बाद मिलेगी. इसके लिए कामगारों को 29 साल की उम्र में इस पेंशन योजना से जुड़ने के लिए असंगठित क्षेत्र के कामगार को 100 रुपये मासिक 60 साल की उम्र तक देना होगा. अगर कामगार की उम्र 18 साल है तो उसे हर महीने 55 रुपये देने होंगे. सरकार भी हर महीने उसे पेंशन खाते में इतनी ही रकम जाम कराएगी.

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इसका ऐलान करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उम्मीद है कि अगले पांच वर्ष में असगंठित क्षेत्र के कम से कम 10 करोड़ श्रमिकों और कामगारों को इस योजना से लाभ मिलेगा. इसके बाद यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन जाएगी. सरकार ने इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है. साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस योजना के लिए और ज्यादा राशि भी आवंटित कर दी जाएगी. इस योजना को इसी साल से लागू किया जा रहा है.

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इसके साथ ही पीयूष गोयल ने कहा कि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया है. सरकार ने एनपीएस में अपने योगदान को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया है. ग्रेच्युटी के भुगतान की सीमा को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए किया गया है. ईएसआईसी की सीमा भी 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 21 हजार रुपए कर दी गई है. इसके अलावा सभी श्रमिकों के न्यूनतम पेंशन हर महीने एक हजार रुपए तय की गई है. सर्विस के दौरान किसी मजदूर की मौत पर ईपीएफओ द्वारा दी जाने वाले राशि को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दी गई है.

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