पंकज त्रिपाठी की पसंदीदा किताब है 'राग दरबारी'
नई दिल्ली:
वर्ल्ड बुक डे (World Book Day 2018) के मौके पर अमेरिकी लेखक अर्नेस्ट हेमिंग्वे की एक पंक्ति याद आती हैः 'किताबों से पक्का दोस्त और कोई नहीं है.' वाकई उनका यह कहना सही भी है क्योंकि एक किताब जिंदगी बदलकर रख देने की कूव्वत रखती है. 23 अप्रैल यानी विश्व पुस्तक दिवस (World Book Day) पर फिल्म और टेलीविजन के सितारों ने अपनी पसंदीदा किताबों के बारे में जानकारी दी है. अली फजल, ऋचा चड्ढा और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पंकज त्रिपाठी अपनी पसंदीदा किताबों के बारे में बता रहे हैं तो टीवी सितारे भी उनका किताबों का जिक्र कर रहे हैं जिनका उनकी जिंदगी पर गहरा असर रहा है.
पंकज त्रिपाठी: मुझे श्रीलाल शुक्ल लिखित किताब 'राग दरबारी' ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. मेरे व्यक्तित्व का वह पहलू जो हंसमुख व मजाकिया है, इस किताब को पढ़ने के बाद तेजी से विकसित हुआ. कई किताबें और भी हैं. किताब की यही खूबसरती होती है कि हर किताब आपको कुछ न कुछ सिखाती है.
ऋचा चड्ढा: मैंने जीवन के अहम समय में 'ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ योगी' पढ़ी. मेरे पिता ने मुझे इसके बारे में बताया. मैंने विश्वास पर आधारित एक अध्याय पढ़ा और मुझे अंदर से कुछ सकारात्मक महसूस हुआ. मैंने इसकी कई प्रतियां अपने दोस्तों को उपहार में दी.
अरुणोदय सिंह: मेरे अध्यापक जॉन चोट द्वारा दी गई किताब ने जीवन के प्रति मेरे नजरिए को बदल दिया. यह कोलेमन बार्क्स द्वारा अनुवादित जलालुद्दीन रूमी की कविताओं का संकलन था.
मृणाल जैनः मेरे दिल को छू लने वाली किताब ‘द सीक्रेट’, इस किताब की सामग्री असल जिंदगी के काफी करीब है. इसमें ऐसी सामग्री जिसके मैं खुद को करीब पाता हूं. में इस किताब को कई लोगों को गिफ्ट कर चुका हूं. जिसने भी इसे पढ़ा, उसने इसे पसंद किया और मुझे थैंक्स कहा.
शिविन नारंगः मुझे पाउलो कोएल्हो की ‘द अलकेमिस्ट’ पसंद है, यह एक साइकोलॉजिकल नॉवेल है जिसने मुझे छुआ है. इसमें काफी गहराई है. हर किसी को इसे पढ़ना चाहिए.
लक्ष लालवानीः मुझे पर गहरा असर डालने वाली किताब रिचर्ड बाक की ‘लिंगस्टन सीगल’ है. यह किताब यूनिक और कुछ हटकर होने के महत्व को सिखाता है.
ध्रुव सिंहः मुझे ऐन रैंड की किताब ‘द फाउंटेनहेड’ काफी पसंद है. यह संबंधों की परतों को उकेरती है. यह किताब जियो और जीने दो का गहरा संदेश देती है.
अमल सहरावतः मुझे नेपोलियन हिल की ‘थिंक ऐंड ग्रो’ पसंद है. इस किताब ने लाइफ और वेल्थ को लेकर मेरा नजरिया ही बदल डाला.
अंकित बाठलाः मुझे देवदत्त पटनायक की ‘द लीडरशिप सूत्र’ पसंद है. यह मानव अस्तित्व और आधुनिक दौर में माइथोलॉजी की बहुत ही खूबसूरत अंदाज में व्याख्या करती है.
सुमित कौलः सद्गुरु की ‘मिस्टिक्स ऐंड म्यूजिंग्स’ मेरी पसंदीदा किताब है. वे मेरे गुरु हैं और इस किताब ने जिंदगी के प्रति मेरा नजरिया बदल दिया और जिंदगी को लेकर एक नई सोच मुझ में पैदा की.
(इनपुटः IANS)
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
पंकज त्रिपाठी: मुझे श्रीलाल शुक्ल लिखित किताब 'राग दरबारी' ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. मेरे व्यक्तित्व का वह पहलू जो हंसमुख व मजाकिया है, इस किताब को पढ़ने के बाद तेजी से विकसित हुआ. कई किताबें और भी हैं. किताब की यही खूबसरती होती है कि हर किताब आपको कुछ न कुछ सिखाती है.
ऋचा चड्ढा: मैंने जीवन के अहम समय में 'ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ योगी' पढ़ी. मेरे पिता ने मुझे इसके बारे में बताया. मैंने विश्वास पर आधारित एक अध्याय पढ़ा और मुझे अंदर से कुछ सकारात्मक महसूस हुआ. मैंने इसकी कई प्रतियां अपने दोस्तों को उपहार में दी.
अरुणोदय सिंह: मेरे अध्यापक जॉन चोट द्वारा दी गई किताब ने जीवन के प्रति मेरे नजरिए को बदल दिया. यह कोलेमन बार्क्स द्वारा अनुवादित जलालुद्दीन रूमी की कविताओं का संकलन था.
मृणाल जैनः मेरे दिल को छू लने वाली किताब ‘द सीक्रेट’, इस किताब की सामग्री असल जिंदगी के काफी करीब है. इसमें ऐसी सामग्री जिसके मैं खुद को करीब पाता हूं. में इस किताब को कई लोगों को गिफ्ट कर चुका हूं. जिसने भी इसे पढ़ा, उसने इसे पसंद किया और मुझे थैंक्स कहा.
शिविन नारंगः मुझे पाउलो कोएल्हो की ‘द अलकेमिस्ट’ पसंद है, यह एक साइकोलॉजिकल नॉवेल है जिसने मुझे छुआ है. इसमें काफी गहराई है. हर किसी को इसे पढ़ना चाहिए.
लक्ष लालवानीः मुझे पर गहरा असर डालने वाली किताब रिचर्ड बाक की ‘लिंगस्टन सीगल’ है. यह किताब यूनिक और कुछ हटकर होने के महत्व को सिखाता है.
ध्रुव सिंहः मुझे ऐन रैंड की किताब ‘द फाउंटेनहेड’ काफी पसंद है. यह संबंधों की परतों को उकेरती है. यह किताब जियो और जीने दो का गहरा संदेश देती है.
अमल सहरावतः मुझे नेपोलियन हिल की ‘थिंक ऐंड ग्रो’ पसंद है. इस किताब ने लाइफ और वेल्थ को लेकर मेरा नजरिया ही बदल डाला.
अंकित बाठलाः मुझे देवदत्त पटनायक की ‘द लीडरशिप सूत्र’ पसंद है. यह मानव अस्तित्व और आधुनिक दौर में माइथोलॉजी की बहुत ही खूबसूरत अंदाज में व्याख्या करती है.
सुमित कौलः सद्गुरु की ‘मिस्टिक्स ऐंड म्यूजिंग्स’ मेरी पसंदीदा किताब है. वे मेरे गुरु हैं और इस किताब ने जिंदगी के प्रति मेरा नजरिया बदल दिया और जिंदगी को लेकर एक नई सोच मुझ में पैदा की.
(इनपुटः IANS)
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