
फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव और नए ट्रेंड्स लाने के लिए हमेशा कुछ खास सोच और क्रिएटिविटी की आवश्यकता होती है. 40 के दशक में एक अभिनेता ने न सिर्फ अभिनय बल्कि फिल्म निर्माण में भी अपनी पहचान बनाई और इंडस्ट्री पर अपना कब्जा जमाया. उस अभिनेता का नाम था राज कपूर, जिन्हें 'शोमैन' के नाम से जाना जाता है. राज कपूर ने न सिर्फ बेहतरीन फिल्में बनाई, बल्कि उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के लिए नई दिशा भी दिखायी. 1954 में आई उनकी फिल्म 'संगम' ने फिल्म इंडस्ट्री में एक नई क्रांति ला दी थी. इस फिल्म की शूटिंग स्विट्जरलैंड और पेरिस जैसे विदेशी लोकेशन्स पर की गई थी, और यह पहली भारतीय फिल्म बनी, जो विदेशों में शूट हुई.
फिल्म की शूटिंग पर पानी की तरह बहाया पैसा
राज कपूर ने 'संगम' में ना केवल विदेशों में शूटिंग की, बल्कि फिल्म की गुणवत्ता और कहानी के मामले में भी नए स्टैंडर्ड्स सेट किए. 60 के दशक में जब फिल्मों का बजट आज के मुकाबले काफी कम हुआ करता था, राज कपूर ने इस फिल्म पर अपार पैसा खर्च किया था. फिल्म की शूटिंग के लिए उन्होंने शानदार विदेशी लोकेशन्स को चुना और यह फिल्म एक तरह से उस समय की सबसे महंगी फिल्मों में से एक बन गई,
भारतीय सिनेमा की पहली रंगीन फिल्म 'संगम'
'संगम' को भारतीय सिनेमा की पहली रंगीन फिल्म भी माना जाता है. इस फिल्म में राज कपूर और वैजयंती माला मुख्य भूमिका में थे, और यह फिल्म एक लव ट्रायंगल पर आधारित थी. इसके अतिरिक्त, फिल्म में ललिता पवार, अचला सचदेव, और नाना पाली शिखर जैसे बड़े कलाकारों ने भी अभिनय किया था. संगम ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया और उसकी कमाई ने दर्शकों और फिल्म इंडस्ट्री दोनों को चौंका दिया. इस फिल्म ने अपनी रिलीज के बाद 7.80 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया, जो उस समय के हिसाब से एक बड़ी सफलता थी. 'संगम' न सिर्फ एक फिल्म के रूप में, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई.
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