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इस डायरेक्टर ने मजबूरी में बनाई थी ये फिल्म, प्रोड्यूसर्स करना चाहते थे रिप्लेस, आज भी इस फिल्म का नहीं कोई तोड़

कहा जाता है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है. अगर हम इस बात को इस फिल्म के संदर्भ में देखें तो कह सकते हैं कि मजबूरी शानदार फिल्म की जननी है. जी हां, इस 52 साल पुरानी फिल्म के डायरेक्टर के बारे में तो कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है.

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इस डायरेक्टर ने मजबूरी में बनाई थी ये फिल्म, प्रोड्यूसर्स करना चाहते थे रिप्लेस, आज भी इस फिल्म का नहीं कोई तोड़
मजबूरी में डायरेक्ट की फिल्म, सिनेमा के इतिहास में बनी मील का पत्थर
नई दिल्ली:

एक डायरेक्टर की मजबूरी थी. उसे कर्ज उतारना था. उसके दोस्त ने कहा ये फिल्म कर लो. इससे कर्ज भी उतर जाएगा और काम भी मिल जाएगा. मजबूरी के आगे घुटने टेकते हुए इस डायरेक्टर ने फिल्म पर काम शुरू कर दिया. डायरेक्टर के रवैये से फिल्म के प्रोड्यूसर बहुत खुश नहीं थे. प्रोड्यूसर और डायरेक्टर में खूब कलेश भी होता था. लेकिन डायरेक्टर धुन का पक्का था और उसने सब बातों को साइड करते हुए इस शिद्दत के साथ ये फिल्म बनाई सकि फिल्म सिनेमा के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में उनका नाम दर्ज हो गया. फिल्म की कहानी शानदार रही. एक्टिंग आजतक बेजोड़ है और इस तरह की शानदार स्टारकास्ट बहुत ही कम फिल्मों में देखने को भी मिली है. यही नहीं, अगर इस फिल्म के बॉलीवुड रीमेक की बात करें तो इनमें गैंग्स ऑफ वासेपुर से लेकर सरकार और धर्मात्मा जैसी फिल्मों के नाम जेहन में आते हैं.

52 साल पुरानी फिल्म का नहीं कोई तोड़

हम बात कर रहे हैं द गॉडफादर फिल्म की.फ्रांसिस फोर्ड कोपोला की गॉडफादर 1972 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में मार्लन ब्रांडो, अल पचिनो, जेम्स कान, रिचर्ड कैसलेनो और रॉबर्ट डुवैल मुख्य किरदारों में नजर आए थे. फिल्म मारियो पूजो के द गॉडफादर उपन्यास पर आधारित थी. फिल्म के तीन पार्ट रिलीज हुए थे. फिल्म को विश्व सिनेमा की क्लासिक फिल्म माना जाता है और इस तरह की बहुत ही कम फिल्में बनी हैं. फिल्म की कामयाबी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1972 में ये छह-सात मिलियन डॉलर के बजट में बनी थी लेकिन इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस 250-291 मिलियन डॉलकर तक की कमाई. इस तरह यह फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी.

द गॉडफादर का ट्रेलर

डायरेक्टर की मजबूरी थी फिल्म बनाना 

लेकिन आप जानते हैं कि फ्रांसिस फोर्ड कोपोला की द गॉडफादर को डायरेक्टर करने की बहुत सी वजहों में से एक वजह मजबूरी भी है. हुआ यूं कि जॉर्ज लुकास ने 1971 में टीएचएक्स 1138 फिल्म बनाई थी. ये फिल्म कोपोला और लुकास के प्रोडक्शन हाउस की थी. जिसके चलते उन पर चार लाख डॉलर का कर्ज चढ़ गया था. जब कोपोला के पास गॉडफादर आई तो उन्होंने कोपोला से कहा कि फिल्म कर लो इससे कर्ज भी उतर जाएगा. इस तरह मजबूरी में फ्रांसिस फोर्ड कोपोला को हां करनी पड़ी.

प्रोड्यूसर्स करना चाहते थे रिप्लेस

यही नहीं द गॉडफादर को लेकर बताया जाता है कि फिल्म की निर्माता कंपनी पैरामाउंड पिक्चर्स और फ्रांसिस फोर्ड कोपोला के बीच शूटिंग के दौरान खूब बहस हुआ करती थी. कंपनी ने कोपोला को रिप्लेस करने की काफी कोशिश भी की. कंपनी ने उन पर समय के पाबंद ना होने और बजट से बाहरजाने और कास्टिंग में गड़बड़ी जैसे कई आरोप लगाए. लेकिन कोपोला ने फिल्म समय से पहले पूरी की. बजट के अंदर ही फिल्म बना डाली और द गॉडफादर की कास्टिंग आज तक की बेस्ट कास्टिंग में से एक मानी जाती है. 

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