जयदीप सिंह और भव्या निधि शर्मा निर्मित ऑफबीट स्टूडियोज की मलयालम प्रोडक्शन 'वडक्कन' का आखिरी शेड्यूल पूरा हो गया है. यह फिल्म पांच भाषाओं में बनी है और पूरे भारत के सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है. इस थ्रिलर फिल्म का निर्देशन साजिद ए ने किया है, फिल्म की कहानी द्रविड़ किंवदंतियों से प्रेरित है. फिल्म उन्नी आर किशोर द्वारा लिखी गई है और श्रुति मेनन ने फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है. 'वडक्कन' में ऑस्कर पुरस्कार विजेता रेसुल पुकुट्टी, जापानी फोटोग्राफर केइको नाकाहारा और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बिजिबल सहित कई दिग्गजों का योगदान है. इस तरह की कमाल की टीम के साथ रोंगटे खड़े कर देने वाली थ्रिलर बनाई जा रही है.
'वडक्कन' रोमांचकारी कहानी के साथ सुपरनेचुरल मसालों का मिश्रण करते हुए, एक रोमांचकारी और गहन सिनेमाई अनुभव देने का वादा करती है. यह फिल्म दर्शकों को एक मजेदार रोमांचकारी लेकिन डरावनी जर्नी पर ले जाएगी, जिसका निर्माण बहुत ही सोच-समझकर और सभी बारीकियों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. फिल्म के साउंड पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है.
शानदार साउंडस्केप बनाने में माहिर ऑस्कर पुरस्कार विजेता साउंड डिजाइनर, रेसुल पुकुट्टी दर्शकों को बांध कर रख देंगे और उन्हें 'वडक्कन' की दुनिया में डुबो देंगे. साउंड डिजाइन के साथ ही फिल्म का म्यूजिक भी कमाल का रहने वाला है. फिल्म का म्यूजिक बिजिबल दे रहे हैं, जो मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में अपने असाधारण योगदान के लिए पहचाने जाते हैं. फिल्म के लिरिक्स शैली (उड़ता पंजाब और मनमर्जियां) ने रैपर एमसी कूपर और स्टेट अवार्ड विनिंग लिरिसिस्ट हरी नारायण के साथ मिलकर लिखे हैं, ये बातें फिल्म में चार चांद लगाती हैं.
साजिद ए द्वारा निर्देशित, 'वडक्कन' में किशोर और श्रुति मेनन जैसे दिग्गज कलाकार हैं, जिनका प्रदर्शन दर्शकों को मंत्रमुग्ध करके रख देगा. फिल्म की सिनेमैटोग्राफी केइको नाकाहारा की है, जो द्रविड़ किंवदंतियों को परदे पर रोंगटे खड़े कर देने वाले अंदाज में उतारने में बखूबी योगदान देती है. फिल्म को प्रसिद्ध जापानी फोटोग्राफर केइको नाकाहारा की असाधारण प्रतिभा से काफी फायदा मिला है, जिनकी मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्यों को कैद करने में विशेषज्ञता 'वडक्कन' में प्रतिभा की एक और परत जोड़ती है. मैरी कॉम और शकुंतला देवी जैसी मशहूर फिल्मों में काम करने के बाद, केइको ने एक और चुनौतीपूर्ण काम को अंजाम दिया है. इसमें चुनौतीपूर्ण इन्फ्रा-रेड लाइटिंग का भी इस्तेमाल किया गया है. भारत में पहली बार इस नए विजन का उद्देश्य चुनौतीपूर्ण और यथार्थवादी डरावने सीन बनाना है, जिससे फिल्म के सीन्स को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके.
दर्शकों को विजुअल जर्नी पर ले जाते हुए, फिल्म की शूटिंग केरल, फिनलैंड (सर्दियों के सीन दिखाने खे लिए) सहित विभिन्न स्थानों पर की गई, और मुंबई में समाप्त हुई. यह भौगोलिक विस्तार फिल्म की समृद्ध और शानदारी फोटोग्राफी में बखूबी योगदान देता है. फिल्म की शूटिंग पूरी होने के साथ ही 'वडक्कन' को लेकर उम्मीदें हाई लेवल पर पहुंच गई है. जब फिल्म सिनेमाघरों में पहुंचेगी तो दर्शक एक मजेदार और डरावने सिनेमाई अनुभव की उम्मीद कर सकते हैं.
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