गोलू-मोलू सा दिख रहा ये क्यूट सा बच्चा आज बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान रखता है. जमीन से उठकर आसमान की बुलंदियों को छूने वाले इस स्टार ने कभी मुफलिसी भरे दिन देखें और मुंबई की चॉल में करीब 3 दशक का समय बिताया है. वहां लंबा समय बिताने की वजह से ही इनकी बोली और भाषा में भी वह झलक नजर आती है और इसलिए ये बॉलीवुड में अपने बोलने के खास स्टाइल के लिए भी जाने जाते हैं. क्या आप इस मासूम से बच्चे को पहचान पाए?
इस प्यारे से बच्चे को अगर आप नहीं पहचान पाए तो आपको बता दें कि ये जैकी श्रॉफ हैं. जैकी श्रॉफ फिल्मों में हिट होने के बाद भी चॉल में रहा करते थे. 1983 में आई सुभाष घई की फिल्म हीरो से जैकी श्रॉफ को अपना पहला बड़ा ब्रेक मिला और इस फिल्म ने उनकी किस्मत पलट दी. फिल्म में मीनाक्षी शेषाद्री के साथ उनकी जोड़ी सुपरहिट रही और जैकी रातोंरात स्टार बन गए. फिर क्या उन्हें साइन करने के लिए डायरेक्टर-प्रोड्यूसर्स की लाइन लगने लगी.
फिल्म सुपरहिट होने के बाद भी जैकी चॉल में ही रह रहे थे. जैकी श्रॉफ ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि फिल्मों में काम करना शुरू करने के बाद भी वह चॉल में रह रहे थे. वहां 7 परिवारों के लिए 3 टॉयलेट थे, लेकिन जैकी को उन लोगों ने एक टॉयलेट अलग से दे रखा था. सुबह उन्हें जल्दी उठकर शूटिंग पर जाना होता था, इसलिए उन्हें उनके साथ रहने वाले लोगों ने ये सुविधा दी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पहली ही फिल्म सुपरहिट होने के बाद डायरेक्टर और प्रोड्यूसर उनके लिए लाइन लगाकर खड़े रहते थे. वे, जैकी के घर पहुंच जाते और अगर वह टॉयलेट में होते तो वहीं खड़े होकर उनका इंतजार करते थे.
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