कुमार गौरव (Kumar Gaurav) अपनी पहली फिल्म लव स्टोरी (1981) के बाद रातोंरात सुपरस्टार बन गए. फिल्म में उनके अपोजिट थी एक्ट्रेस विजेता पंडित. दोनों के लुक्स और केमिस्ट्री को सराहा गया. दोनों एक्टर जितनी तेजी से स्टार बनें, उतनी ही तेजी से उनके करियर को ब्रेक लग गया. वह बाद में भी कुछ फिल्मों में नजर आए, लेकिन अपने पापा राजेंद्र कुमार की तरह वह सफल नहीं हो सके. हालांकि एक उनकी लाइफ में एक वाकया ऐसा भी है, जब उन्होंने संजय दत्त का करियर बचाया था.
बता दें कि उनकी शादी संजय दत्त (Sanjay Dutt) की बहन नम्रता से हुई है. इससे पहले उनकी शादी राजकपूर के बेटी रीमा कपूर से होने वाली थी, लेकिन अपनी ही हिट फिल्म की हीरोइन से दिल लगा कर उन्होंने रीमा से सगाई तोड़ दी थी. वह हीरोइन थी विजेता पंडित. तब राजकपूर के दोस्त उनके पिता राजेंद्र कुमार ने भी विजेता से उनकी शादी नहीं होने दी. इसके बाद उनकी लाइफ में नम्रता आईं और दो साल की डेटिंग के बाद दोनों ने शादी कर ली.
1984 में जब दोनों के बीच रिश्ता बना, तभी संजय दत्त ड्रग्स केस में फंस चुके थे. 80 के दशक में ड्रग्स केस की वजह से संजय दत्त का करियर खत्म होने के कगार पर था. तब कुमार गौरव ने संजय दत्त के लिए एक फिल्म बनाई थी, जो हिट हो गई.
कुमार ने 'नाम' फिल्म बनाई थी जो साल 1986 में रिलीज हुई थी. हालांकि, इस फिल्म का आइडिया महेश भट्ट का था. फिल्म में संजय दत्त को खूब पसंद किया गया. ब्लॉकबस्टर फिल्म ने 80 के दशक में जमकर कमाई की.
नाम की सफलता के बाद, ऐसी खबरें थीं कि कुमार गौरव और संजय दत्त की दोस्ती टूट गई. लेकिन संजय ने फिल्मफेयर के साथ एक इंटरव्यू में कहा था, "यह कहना बिल्कुल बकवास है कि नाम के बाद बंटी के साथ मेरा रिश्ता बदल गया है. बंटी (कुमार गौरव) के साथ वन-अप का कोई सवाल ही नहीं हो सकता. कुछ भी हो, फिल्म के साथ ही हमारा रिश्ता और मजबूत हुआ है. बंटी एक ऐसा व्यक्ति है, जिसके लिए मैं अपना खून बहा सकता हूं. मैं उससे बहुत प्यार करता हूं.
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