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This Article is From Nov 22, 2017

'A Hindu Lady' के नाम से लिखती थीं Rukhmabai, मेडिसिन की पढ़ाई के लिए जुटाया था फंड

गूगल ने भारत की पहली लेडी डॉक्टर रख्माबाई राऊत की 153वीं जयंती डूडल के जरिये मनाई और दुनिया भर में उनकी उपलब्धियों को पेश किया. लेकिन एक ऐसी भी बात है जिसे बहुत ही कम लोग जानते हैं

'A Hindu Lady' के नाम से लिखती थीं Rukhmabai, मेडिसिन की पढ़ाई के लिए जुटाया था फंड
रख्माबाई फिल्म का सीन
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
आज है 153वीं जयंती
पहली लेडी डॉक्टर थीं
अनंत महादेवन ने बनाई है फिल्म
नई दिल्ली: गूगल ने भारत की पहली लेडी डॉक्टर रख्माबाई राऊत की 153वीं जयंती डूडल के जरिये मनाई और दुनिया भर में उनकी उपलब्धियों को पेश किया. रख्‍माबाई का जन्म 22 नवंबर, 1864 को मुंबई में हुआ था. उनका बाल विवाह हो गया था. 11 साल की रख्माबाई का विवाह 19 साल के दादाजी भीकाजी से हुआ था. लेकिन उन्होंने इसे विवाह नहीं माना और केस तक लड़ा. उन्होंने अपने ख्वाबों का पीछा करने का फैसला किया. उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और डॉक्टर बनने के बारे में सोचा. वे भारत की पहली लेडी डॉक्टर बनने में सफल भी रहीं. 

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बाल विवाह का शिकार थीं भारत की पहली लेडी डॉक्टर Rukhmabai, डेडबॉडी देखकर ऐसा हुआ था हाल

उनके बारे में एक ऐसी बात भी है जो बहुत ही कम लोग जानते हैं. उन्हें लिखने का शौक था, और वे छद्म नाम से लिखाती थीं. उन्होंने कई अखबारों में छद्म नाम ‘A Hindu Lady’ नाम से पत्र भी लिखे. उन्होंने इस माध्यम के जरिये मेडिसिन की इच्छा जताई और लोगों का साथ जुटाया. फिर लंदन के स्कूल ऑफ मेडिसिन में उनकी पढ़ाई और सफर पर आने वाले खर्च के लिए एक फंड की व्यवस्था की गई. कई लोगों ने उनकी इस इच्छा को पूरा करने में मदद की. वे 1889 में लंदन पहुंची थीं और 1994 में उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की. रख्माबाई ने राजकोट और सूरत में काम किया और वे रिटायर होकर मुंबई आ गईं. 1955 में 91वें वर्ष की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली.

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