रिव्यू बागी-2 : एक्शन के साथ प्यार में समर्पण की कहानी, फिल्म में लॉजिक न ढूंढें

2016 में आई बागी का सीक्वल है बागी-2; पेस तो है मगर पटकथा कमज़ोर, फ़िल्म के कई हिस्से इलॉजिकल

रिव्यू बागी-2 : एक्शन के साथ प्यार में समर्पण की कहानी, फिल्म में लॉजिक न ढूंढें

खास बातें

  • टाइगर और दिशा की केमिस्ट्री अच्छी
  • लोधा सिंह धूल आका के रोल में रणदीप हुडा ने जान डाली
  • DIG अजय शेरगिल की भूमिका में मनोज बाजपेयी बेहतरीन
मुंबई:

फ़िल्म बागी-2 की कहानी है रणवीर प्रताप सिंह यानी रॉनी की जो एक आर्मी अफसर है. चार साल बाद अचानक उसकी गर्ल फ्रेंड नेहा यानी दिशा पाटनी का फोन आता है जो मिलने के लिए बुलाती है. रॉनी गोआ आता है क्योंकि कॉलेज के दिनों में नेहा से बेहद प्यार करता था. इनकी शादी तो नहीं हुई मगर नेहा 4 सालों बाद रॉनी से मिलकर मदद मांगती है. बाकी की कहानी के लिए आप फ़िल्म देखिए क्योंकि बहुत सारे सस्पेंस हैं फ़िल्म में.

बागी-2 सीक्वल है 2016 में आई बागी का. इस फ़िल्म में एक्शन के साथ-साथ ऐसा प्यार है जहां शादी न करने के बावजूद भी रॉनी मदद करने के लिए जंग छेड़ देता है. इस फ़िल्म को देखने के बाद महसूस होता है कि एक्शन और डांस के साथ-साथ टाइगर ने अब अभिनय भी थोड़ा सीख लिया है. टाइगर और दिशा की केमिस्ट्री अच्छी है. फिल्म के ट्विस्ट एंड टर्न्स ठीक हैं और कहानी सस्पेंस बनाए रखती है. फ़िल्म की रफ्तार भी ठीक है और एक्शन, रोमांस का जितना डोज़ होना चाहिए उतना ही है. फ़िल्म में पुलिस कॉप LSD यानी लोधा सिंह धूल आका के रोल में रणदीप हुडा ने जान डाली है. फ़िल्म में मनोरंजन का तड़का इनके किरदार की वजह से है. DIG अजय शेरगिल की भूमिका में मनोज बाजपेयी बेहतरीन हैं.

यह भी पढ़ें :  Baaghi 2 Review 5 Points: टाइगर श्रॉफ का किलर एक्शन, दिशा पटानी का खूबसूरत अंदाज, 'बागी 2' देखने की 5 वजहें

बागी-2 की खामियों की अगर बात करें तो फ़िल्म में पेस तो है मगर पटकथा थोड़ी कमज़ोर है. कई जगह फ्लैशबैक के चक्कर में दर्शक कन्फ्यूज हो सकते हैं खास तौर से क्लाइमेक्स के आसपास. इस फ़िल्म के कई हिस्से इलॉजिकल लगते है जैसे कर्नल गोआ में सिर्फ ये बताने आया है कि रॉनी अकेला फौज के बराबर है. एक्शन सीन में भी कई इलॉजिकल चीज़ें दिखाई देती हैं.

VIDEO : दर्शकों को बांधे रखती है 'अय्यारी'

फिर भी मैं कहूंगा कि इस फ़िल्म को आप एक बार देख सकते हैं क्योंकि ऐसी एक्शन फिल्मों में लॉजिक ढूंढना सही नहीं होता. ये फ़िल्म आपको बोर नहीं करती. खास तौर से टाइगर की मेहनत और रणदीप के मनोरंजन की वजह से इस फ़िल्म के लिए मेरी रेटिंग है 3 स्टार.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com