फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएफ) ने रविवार को कहा कि दिग्गज अभिनेता एवं फिल्म निर्माता राज कपूर की जन्मशती के उपलक्ष्य में आयोजित फिल्म महोत्सव की अवधि ‘जनता की मांग' के मद्देनजर बढ़ाकर 19 दिसंबर तक कर दी गई है. राज कपूर की 100वीं जयंती से एक दिन पहले 14 दिसंबर को शुरू हुआ तीन दिवसीय कार्यक्रम पहले 15 दिसंबर को समाप्त होने वाला था. एफएचएफ ने ‘एक्स' पर लिखा, “जनता की मांग के कारण तारीख को आगे बढ़ाया गया! ‘राज कपूर 100' अब 19 दिसंबर, 2024 तक जारी रहेगा.”
मुंबई स्थित फाउंडेशन ने अपने पोस्ट में कहा कि दर्शक राज कपूर की पांच प्रतिष्ठित फिल्म ‘आवारा', ‘श्री 420', ‘संगम', ‘मेरा नाम जोकर' और ‘बॉबी' को पास के कुछ चुनिंदा सिनेमाघरों में देख सकेंगे. राज कपूर की अन्य प्रदर्शित फिल्म ‘आग', ‘बरसात', ‘जागते रहो', ‘जिस देश में गंगा बहती है' और ‘राम तेरी गंगा मैली' रहीं. उनके पोते और बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर ने पिछले महीने गोवा में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ‘राज कपूर 100' महोत्सव की घोषणा की थी.
हिंदी सिनेमा के मौजूदा दौर के निर्देशकों का कहना है कि राज कपूर एक भावुक फिल्मकार थे, जिन्होंने अपनी फिल्मों के मनोरंजन के स्तर से समझौता किए बिना जीवन की वास्तविकताओं को प्रभावी ढंग से पर्दे पर प्रस्तुत किया. राज कपूर अगर जीवित होते तो 14 दिसंबर को 100 साल के हो जाते. फिल्म और रंगमंच के दिग्गज पृथ्वीराज कपूर के बेटे राज कपूर एक अभिनेता, संपादक, निर्देशक और निर्माता थे, जिन्होंने 1948 में आर.के. स्टूडियो की स्थापना की थी.
राज कपूर ने अपने चार दशक लंबे करियर में केवल 10 फिल्में निर्देशित कीं, जिनमें से कुछ अविस्मरणीय क्लासिक फिल्मों की सूची में ‘‘आवारा'' और ‘‘श्री 420'' हैं, अन्य ‘‘बॉबी'' और ‘‘संगम'' ब्लॉकबस्टर फिल्में और फिर विवादास्पद हिट फिल्में हैं, जिनमें ‘‘सत्यम शिवम सुंदरम'', ‘‘प्रेम रोग'' और ‘‘राम तेरी गंगा मैली'' शामिल हैं. राज कपूर की 1982 की फिल्म 'प्रेम रोग' में सहायक निर्देशक के रूप में काम करने वाले अनीस बज़्मी ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि उन्होंने 'राज कपूर यूनिवर्सिटी' से फिल्म निर्माण की पढ़ाई की है.
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