
राज बब्बर बॉलीवुड के शानदार एक्टर्स में से एक हैं. उन्होंने अपने समय में कई शानदार फिल्मों में काम किया है. उनकी खास बात ये थी कि उन्होंने हीरो के साथ विलेन के रोल भी किए हैं और दोनों ही किरदारों में लोगों ने उन्हें पसंद किया था. राज बब्बर की 1980 में इंसाफ का तराजू फिल्म आई थी. इस फिल्म के बाद उन्हें लोगों ने खूब गालियां दी थीं. इतना ही नहीं लोग उन्हें फिल्म देखते हुए भी गाली दे रहे थे. राज बब्बर ने एक बार बताया था कि जब वो अपनी मां के साथ इंसाफ का तराजू देखने गए थे तो उनकी मां ये फिल्म देखकर फूट-फूटकर रोने लगी थीं.
फूट-फूटकर रोई थी मां
इंसाफ का तराजू में राज बब्बर के साथ जीनत अमान, पद्मिनी कोल्हापुरे और दीपक पाराशर अहम किरदार निभाते नजर आए थे. इस फिल्म में एक रेप का सीन था. उन्हें जीनत अमान का रेप करना था. इस सीन को करते हुए वो बहुत डरे हुए थे. इस सीन की वजह से लोगों ने राज बब्बर को खूब खरी-खोटी सुनाई थी.
राज बब्बर ने आप की अदालत में बताया था कि वो अपनी मां के साथ इंसाफ का तराजू सिनेमाघर में देखने के लिए गए थे. उन्होंने कहा था- बहुत गालियां पड़ रही थीं. इंटरवेल में भी हर आदमी गाली दे रहा था. खासकर औरतें बहुत गालियां दे रही थीं तो मेरी मां को बहुत बुरा लगा. जब हम फिल्म देखकर टैक्सी में बैठ गए तो मेरी मां रोना शुरू हो गई.
मां ने कही ये बात
राज बब्बर ने आगे कहा- मुझे लगा खुशी के मारे रो रही हैं तो मैंने उनके पैर छू लिए. जब मैं पैर छू रहा था तो मेरे सिर पर हाथ रखकर कहतीं- बेटा हम कम खा लेंगे तो ऐसा काम मत कर. इस फिल्म के बाद राज बब्बर स्टार बन गए थे.
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