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फिल्मों के पेड रिव्यू पर प्रोड्यूसर्स संगठनों का मोर्चा, एकजुट होकर की कार्रवाई की मांग

फिल्म इंडस्ट्री में पेड रिव्यू और इन्फ्लुएंसर्स को पैसे देकर प्रमोशन कराने का मामला अब बड़ा विवाद बन गया है. आईएफटीपीसी ने हाल ही में प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि कुछ इन्फ्लुएंसर और तथाकथित जर्नलिस्ट पैसों की उगाही करने लगे हैं.

फिल्मों के पेड रिव्यू पर प्रोड्यूसर्स संगठनों का मोर्चा, एकजुट होकर की कार्रवाई की मांग
फिल्मों के पेड रिव्यू पर प्रोड्यूसर्स संगठनों का मोर्चा
नई दिल्ली:

फिल्म इंडस्ट्री में पेड रिव्यू और इन्फ्लुएंसर्स को पैसे देकर प्रमोशन कराने का मामला अब बड़ा विवाद बन गया है. आईएफटीपीसी (Indian Film & TV Producers Council) ने हाल ही में प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि कुछ इन्फ्लुएंसर और तथाकथित जर्नलिस्ट पैसों की उगाही करने लगे हैं. अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती तो वे फिल्मों और टीवी शोज पर नकारात्मक रिव्यू डालते हैं या धमकी देते हैं. आईएफटीपीसी ने साफ कहा कि यह ट्रेंड इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचा रहा है और इसे तुरंत रोकने की जरूरत है. प्रेस रिलीज में सुझाव दिया गया है कि रिलीज से कम से कम सात दिन पहले फिल्मों की कोई भी समीक्षा (रिव्यू) न आने दी जाए, ताकि फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर खुद को साबित करने का मौका मिल सके.

प्रोड्यूसर्स गिल्ड के प्रेसिडेंट मनीष गोस्वामी ने NDTV से कहा, “ये बिल्कुल गलत है. कुछ इन्फ्लुएंसर और सो कॉल्ड जर्नलिस्ट पैसे लेकर फिल्मों के बारे में लिखते-बोलते हैं. हमें सब प्रोड्यूसरों को मिलकर तय करना चाहिए कि ऐसे लोगों से न तो अपनी फिल्म पर चर्चा करें और न ही इन्हें प्रमोशन के लिए हायर करें. अगर कोई प्रोड्यूसर भी ऐसा कर रहा है, तो उसे तुरंत बंद करना चाहिए.”

इम्पा (Indian Motion Picture Producers Association) के प्रेसिडेंट अभय सिन्हा ने भी इस पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, “हो सकता है कुछ प्रोड्यूसर्स ने पैसे देकर अपनी फिल्मों की तारीफ करवाई हो, लेकिन कोई भी प्रोड्यूसर ये नहीं चाहेगा कि उसकी फिल्म की बैंड बजे. अगर प्रोड्यूसर भी ऐसा करते हैं तो ये भी गलत है. अभी तक हमें सिर्फ मौखिक शिकायतें मिली हैं, लिखित शिकायत नहीं आई है. जिस दिन लिखित शिकायत आएगी, उस पर जरूर एक्शन होगा.”

वहीं एफडब्ल्यूआईसीई (Federation of Western India Cine Employees) के प्रेसिडेंट बी.एन. तिवारी ने कहा, “फिल्मों से हमारे हजारों वर्करों का रोजगार जुड़ा है. इसलिए हम चाहेंगे कि इम्पा, गिल्ड और बाकी संस्थाएं मिलकर संग्राम शिर्के के साथ एक ठोस प्लान बनाएं और ऐसे मीडिया और इन्फ्लुएंसर्स का बहिष्कार करें.” साफ है कि प्रोड्यूसर्स की तमाम संस्थाएं अब इस मसले पर एकजुट होकर खड़ी हैं और चाहती हैं कि इंडस्ट्री में पेड रिव्यू और धमकी का यह चलन बंद हो.

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