
सुनील दत्त और नरगिस की लव स्टोरी सितारों में लिखी हुई थी. जब वो पहली बार महबूब खान की मदर इंडिया के सेट पर मिले थे, तब सुनील एक न्यूकमर थे और नरगिस एक सुपरस्टार थीं. सेट पर एक एक्सीडेंट ने उन्हें एक-दूसरे से प्यार करने पर मजबूर कर दिया और उसके बाद दोनों को कोई अलग नहीं कर सका. ये सच है कि सुनील ने सेट पर लगी आग से नरगिस को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी थी और जब वह उन्हें स्वस्थ करने में लगी, तो उन्हें एहसास हुआ कि वह उनके लिए सही व्यक्ति हैं. उन्होंने 1958 में शादी की और 1981 में नरगिस की मौत हो गई. उस समय नरगिस केवल 52 साल की थीं.
कैंसर से हुई थी मौत
नरगिस कैंसर से जंग लड़ रही थीं. बेटे संजय दत्त की डेब्यू फिल्म रॉकी से कुछ दिन पहले ही उनकी मौत हो गई थी. नरगिस की मौत के बाद सुनील दत्त ने खुद को बंद कर लिया था. उनकी बड़ी बेटी नम्रता दत्त ने किश्वर देसाई के साथ डार्लिंगजी: द ट्रू लव स्टोरी ऑफ़ नरगिस एंड सुनील दत्त नाम की किताब में शेयर किया- कई सालों तक मेरे पिताजी चुप रहे. वो एक कमरे में नहीं सो सकते थे. वो डिप्रेशन में थे, वो काम नहीं कर सकते थे. उन्होंने सब कुछ किया था और उन्हें लगता था कि वह अपनी पत्नी को जीवित रख सकते थे. वह पूरी तरह से खत्म हो चुके थे। वह किसी से बात नहीं करते थे, वह ऑफिस जाते थे, टहलने जाते थे। लेकिन वह बहुत शांत थे.
नरगिस ने सुनील दत्त को दी थी ये चेतावनी
सुनील दत्त अपनी जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बाहर के कई लोगों का मानना था कि उन्हें जल्द से जल्द शादी कर लेनी चाहिए। वह तीन बच्चों की परवरिश अकेले ही कर रहे थे और उस समय उनकी उम्र सिर्फ 52 साल थी. नरगिस की भतीजी ज़ाहिदा हुसैन ने बताया कि नरगिस एक बार उनके सपनों में आईं और उनसे कहा कि वह सुनील को चेतावनी दें कि वह कभी दोबारा शादी न करें.
जाहिदा को सपने में नरगिस के शब्द याद आए और उसने किश्वर से कहा- अपने उस अंकल से कहो, अगर उन्होंने दूसरी शादी कर ली तो मैं उन्हें कभी चैन से नहीं रहने दूंगी. जब जाहिदा ने सुनील को बताया तो उन्हें आश्चर्य हुआ कि नरगिस उसके सपने में क्यों नहीं आईं और दूसरी तरफ से उससे बात क्यों नहीं की.
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