
'उमराव जान' (Umrao Jaan) सिनेमा की कल्ट क्लासिक फिल्म हैं. इस फिल्म को स्क्रीन पर आए 44 साल हो चुके हैं. मुजफ्फर अली द्वारा निर्देशित यह फिल्म अपनी कहानी, भावपूर्ण संगीत और रेखा के शानदार अभिनय से आज भी दर्शकों की पसंदीदा बनी हुई है. सिनेमाघरों में एक बार फिर 'उमराव जान' देख सकते हैं. फिल्म के निर्देशक मुजफ्फर अली ने इंडिया टुडे से बातचीत में खुलासा किया कि रेखा (Rekha) ने आखिरकार उमराव को अमर कर दिया, लेकिन वह उनकी पहली पसंद नहीं थीं.
उन्होंने कहा, “शुरू में मैंने स्मिता पाटिल (Smita Patil) के बारे में सोचा था. उन्होंने मेरे साथ ‘गमन' में काम किया था और उन्होंने अच्छा काम किया होता.” निर्देशक ने याद करते हुए कहा, “लेकिन फिर हमें लगा कि शायद हमें किसी ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत है जो थोड़ा वाला हो.” आखिरकार, रेखा को फाइनल किया गया. अली ने साझा किया, “जब मैंने किरदार को पढ़ा और उसे जिया. सलमा सिद्दीकी की आवाज़ में रिकॉर्ड की गई फ़िल्म को बार-बार सुना, तो वह रेखा थी. उनकी आंखों में कहानी कहने की शक्ति थी जहां आप एक ही पल में गिरते और उठते हैं. रेखा ने जो किया, मुझे नहीं लगता कि कोई और ऐसा कर सकता था.”
उन्होंने आगे कहा कि कास्टिंग महत्वपूर्ण थी... और मुझे लगता है कि रेखा की उपस्थिति ने मदद की. लेकिन मेरा मानना है कि उनसे ज़्यादा, लोगों ने किरदार के साथ बहुत सहानुभूति दिखाई. इससे फ़ायदा हुआ.'उमराव जान' में नसीरुद्दीन शाह और दिवंगत फ़ारूक शेख भी हैं.
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