
हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत और दिलकश अदाकारा मधुबाला को भले ही कई फिल्मों में यादगार अभिनय के लिए सराहा गया हो, लेकिन ‘मुगल-ए-आजम' में अनारकली के रूप में उन्हें आज भी याद किया जाता है. के. आसिफ की इस ऐतिहासिक फिल्म में उन्होंने न सिर्फ अपने अभिनय का जादू बिखेरा, बल्कि अपनी तकलीफों को भी स्क्रीन पर आने नहीं दिया. फिल्म की शूटिंग करीब 16 सालों तक चली और इसी दौरान मधुबाला को कई गंभीर बीमारियां हो गई थीं. उनके दिल में छेद था और उन्हें फेफड़ों की गंभीर बीमारी ने भी घेर लिया था. डॉक्टर्स ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी, लेकिन मधुबाला ने अभिनय को अपना धर्म माना और कैमरे के सामने हमेशा चेहरे पर मुस्कान लिए खड़ी रहीं.
मधुबाला ने इस सीन के लिए सहा दर्द
फिल्म मुगल-ए-आजम में एक बहुत फेमस सीन था, जिसमें अनारकली को जंजीरों में ठंडे पानी में खड़ा दिखाया गया था. असल में मधुबाला के लिए यह सीन बहुत मुश्किल था. पानी इतना ठंडा था कि जैसे बर्फ हो, और उस वक्त उनका स्वास्थ्य तेजी से गिर रहा था. बावजूद इसके, उन्होंने बिना शिकायत किए इस दृश्य को बखूबी निभाया. कहा जाता है कि इस सीन के बाद उनके पैर सूज गए थे, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने कुछ नहीं किया.
अमर हो गया मधुबाला का किरदार
के. आसिफ को अनारकली के दर्द में सच्चाई चाहिए थी और मधुबाला ने उसे जिया, महसूस किया और परदे लोगों के सामने उतार कर रख दिया. फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस पर उस समय उतनी सफल नहीं रही थी, लेकिन इस एक सीन की वजह से मधुबाला दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए अमर हो गईं.
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