दिग्गज लेखक, कवि व फिल्म निर्माता गुलजार (Gulzar) ने देश की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को लेकर परोक्ष रूप से सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर तंज कसा. मुंबई में साहित्यिक पुरस्कार समारोह के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, "मैं आप सभी को संबोधित करने के लिए 'मित्रों' कहने वाला था, लेकिन मैं रुक गया. जब मेरा दोस्त यशवंत (व्यास) मुझसे मिलने के लिए दिल्ली से आया तो मैं डर गया. दिल्लीवाले इन दिनों डरे हुए हैं. कोई नहीं जानता कि वे कब कोई नया कानून लेकर आ जाएं."
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प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) 'मित्रों' शब्द का इस्तेमाल जनसभाओं को संबोधित करने के लिए करते हैं और यशवंत व्यास दिल्ली के रहने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार हैं. नरीमन पॉइंट स्थित वाई.बी. चव्हाण केंद्र में लेखकों- ज्ञानरंजन और भालचंद्र नेमदे को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह में गुलजार (Gulzar) मुख्य अतिथि थे. वर्तमान में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) को लेकर भारत में सामाजिक और राजनीतिक विरोध हो रहा है.
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गुलजार (Gulzar) ने कहा कि एक लेखक को हमेशा सत्य बोलना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा, "आज के समय में, ऐसी परिस्थिति में भी यदि कोई एक आवाज है, तो वह शुद्ध है. साफ और सत्य कहना एक लेखक की आवाज है. यह एक ध्वज के समान है." उन्होंने यह भी कहा कि वह महानगरीय संस्कृति का एक अद्भुत उदाहरण हैं. उन्होंने कहा, "मैं देश के लिए महानगरीय संस्कृति की एक मिसाल हूं. मैं पंजाब में पैदा हुआ, बंगाल से मुझे प्यार हुआ और मैं महाराष्ट्र में बड़ा हुआ."
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