अरविंद केजरीवाल ने राजनीति आंदोलन के बाद 'आप' पार्टी का गठन किया था.
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीले रंग की वैगन आर कार दिल्ली सचिवालय से चोरी हो गई है, लेकिन यहां हम आपको उनसे जुड़ी एक दूसरी खबर के बारे में बता रहे हैं. दरअसल अरविंद केजरीवाल के एक अंदोलनकारी से राजनीति में उतरने और फिर दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने की कहानी पूरे देश ने देखी है, लेकिन अब जल्द ही यह कहानी फिल्म के रूप में पर्दे पर सामने आने वाली है. अरविंद केजरीवाल और उनकी राजनीति पर बनी फिल्म 'एन इनसिग्निफिकेंट मैन' की रिलीज डेट सामने आ गई है.
ये फिल्म भारत में 17 नवंबर को रिलीज होगी और इसे अमेरिकी मीडिया कंपनी वाइस रिलीज करेगी. यह फिल्म निर्देशक विनय शुक्ला और खुशबू रान्का ला रहे हैं, जो एक डॉक्युमेंट्री फिल्म है. इसके जरिए उनका यह दावा है कि पहली बार किसी फिल्म में राजनीति पार्टियों के पीछे की कहानी दिखायी जाएगी. हालांकि, ऐसा करने की इजाजत उन्हें आम आदमी पार्टी ने ही दी और ऐसे में इस फिल्म के केंद्र में आपको सिर्फ 'आप' और अरविंद केजरीवाल नजर आएंगे. खुशबू और विनय ने केजरीवाल और उनकी पार्टी पर डॉक्युमेंट्री फिल्म का निर्माण काफी पहले ही कर लिया था और यह फिल्म कई फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई जा चुकी है. लेकिन इसे हाल ही में सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल सका है. दरअसल इस फिल्म पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी को ऐतराज था. उन्होंने फिल्म रिलीज करने के लिए फिल्म निर्माताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लाने को कहा था. अंत में, फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण ने फिल्म को मंजूरी दे दी.
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इस फिल्म को 'मास्टरपीस' बताते हुए, वाइस ने घोषणा की है कि अब वह फिल्म को पूरे भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज करने कि लिए निर्माता आनंद गांधी की मेमिसिस लैब के साथ साझेदारी करेंगे. वाइस डॉक्यूमेंट्री फिल्म्स के कार्यकारी निर्माता, जेसन मोजिका ने कहा, "मैंने 'एन इनसिग्निफिकेंट मैन' टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल 2016 में देखी और मुझे लगा कि यह फिल्म मार्शल करी की 'स्ट्रीट फाइट' के बाद जमीनी राजनीति पर बनी सबसे बेहतरीन डॉक्यूमेंट्री फिल्म है.'
यह भी पढ़ें: नहीं बढ़ेगा दिल्ली मेट्रो का किराया अगर केजरीवाल पूरी कर दें यह मांग : केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी
इस फिल्म पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी को ऐतराज था. उन्होंने फिल्म रिलीज करने के लिए फिल्म निर्माताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लाने को कहा था. अंत में, फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण ने फिल्म को मंजूरी दे दी.
यहां देखें इस फिल्म का ट्रेलर-
माजिका ने कहा, 'हम पछिले कुछ महीनों में इस फिल्म पर फिल्म निर्माताओं और सेंसर बोर्ड के बीच की लड़ाई पर करीब से नजर रखे हुए थे। वाइस हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे स्वतंत्र फिल्म निमार्ताओं को सहयोग करता रहेगा.' माजिका ने आगे कहा, "हम इस फिल्म को विश्वभर में अपने दर्शकों के समक्ष इसलिए ला रहे हैं, क्योंकि हम मानते हैं कि यह किसी भी व्यक्ति के लिए एक अत्यधिक प्रासंगिक फिल्म है जो अपने राजनीतिक प्रणालियों में समस्याओं को देखता है और जिसमें व्यक्तिगत रूप से चीजों को बदलने की कोशिश करने का जज्बा दिखता है.' हालांकि सौदे की शर्तो का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि यह फिल्म 22 से ज्यादा देशों में दिखाई जाएगी.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
VIDEO: दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ाने को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
ये फिल्म भारत में 17 नवंबर को रिलीज होगी और इसे अमेरिकी मीडिया कंपनी वाइस रिलीज करेगी. यह फिल्म निर्देशक विनय शुक्ला और खुशबू रान्का ला रहे हैं, जो एक डॉक्युमेंट्री फिल्म है. इसके जरिए उनका यह दावा है कि पहली बार किसी फिल्म में राजनीति पार्टियों के पीछे की कहानी दिखायी जाएगी. हालांकि, ऐसा करने की इजाजत उन्हें आम आदमी पार्टी ने ही दी और ऐसे में इस फिल्म के केंद्र में आपको सिर्फ 'आप' और अरविंद केजरीवाल नजर आएंगे.
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इस फिल्म को 'मास्टरपीस' बताते हुए, वाइस ने घोषणा की है कि अब वह फिल्म को पूरे भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज करने कि लिए निर्माता आनंद गांधी की मेमिसिस लैब के साथ साझेदारी करेंगे. वाइस डॉक्यूमेंट्री फिल्म्स के कार्यकारी निर्माता, जेसन मोजिका ने कहा, "मैंने 'एन इनसिग्निफिकेंट मैन' टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल 2016 में देखी और मुझे लगा कि यह फिल्म मार्शल करी की 'स्ट्रीट फाइट' के बाद जमीनी राजनीति पर बनी सबसे बेहतरीन डॉक्यूमेंट्री फिल्म है.'
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इस फिल्म पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी को ऐतराज था. उन्होंने फिल्म रिलीज करने के लिए फिल्म निर्माताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लाने को कहा था. अंत में, फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण ने फिल्म को मंजूरी दे दी.
यहां देखें इस फिल्म का ट्रेलर-
माजिका ने कहा, 'हम पछिले कुछ महीनों में इस फिल्म पर फिल्म निर्माताओं और सेंसर बोर्ड के बीच की लड़ाई पर करीब से नजर रखे हुए थे। वाइस हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे स्वतंत्र फिल्म निमार्ताओं को सहयोग करता रहेगा.' माजिका ने आगे कहा, "हम इस फिल्म को विश्वभर में अपने दर्शकों के समक्ष इसलिए ला रहे हैं, क्योंकि हम मानते हैं कि यह किसी भी व्यक्ति के लिए एक अत्यधिक प्रासंगिक फिल्म है जो अपने राजनीतिक प्रणालियों में समस्याओं को देखता है और जिसमें व्यक्तिगत रूप से चीजों को बदलने की कोशिश करने का जज्बा दिखता है.' हालांकि सौदे की शर्तो का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि यह फिल्म 22 से ज्यादा देशों में दिखाई जाएगी.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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