फिल्म डायरेक्टर अश्विनी धीर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
फिल्मकार अश्विनी धीर ने कहा है कि वह भारतीय फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकारों को लेने के विरोध में नहीं हैं लेकिन उन्हें लगता है कि पाकिस्तानी कलाकारों को दोनों देशों के बीच तनाव पैदा करने वाले मुद्दों पर बोलना चाहिए. धीर को यह बहस अजीब लगती है कि बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों को काम दिया जाना चाहिए या नहीं. धीर ने आईएएनएस से कहा, मैं इन प्रतिबंधों के बारे में बहुत अजीब महसूस करता हूं. अगर आप किसी चीज पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं, तो हवा और पानी पर प्रतिबंध लगाइए जो हमारे देश में बाहर से आते हैं. यह तो लोगों के मुकाबले अधिक तेजी से फैलते हैं.
फिल्म '3 स्टोरीज' में रेणुका शहाणे का डायलॉग हुआ वायरल, क्या आपने देखा
उन्होंने कहा, मैं प्रतिबंध के समर्थन या विरोध में नहीं हूं. अगर मुझे विकल्प चुनना हो तो मैं अपनी फिल्म में भारतीय कलाकारों को वरीयता दूंगा. लेकिन, अगर मुझे लगता है कि कोई विशेष पाकिस्तानी कलाकार अच्छा कलाकार है और भारतीय अखंडता के खिलाफ नहीं है तथा सच्चाई के लिए बोलना चाहता है तो मुझे उसे अपनी फिल्म में लेने में कोई परेशानी नहीं है.
साल 2016 में बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों के काम करने पर प्रतिबंध को लेकर आवाजें उठी थीं, जब भारत-पाकिस्तान के बीच के तनाव का असर भारतीय मनोरंजन उद्योग पर होने लगा था. पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और पाकिस्तानी सिनेमाघरों ने भारतीय फिल्मों को हटा दिया गया था. जम्मू और कश्मीर के उरी में 18 सितंबर को आतंकवादी हमले के बाद यह प्रतिबंध लगा था. इस हमले में 19 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी.
अजय देवगन के घर में भी पड़ चुकी है Raid, एक इंटरव्यू किया खुलासा
यह मुद्दा बीते महीने दोबारा फिर से तब गरमा गया जब केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि बॉलीवुड फिल्म 'वेलकम टू न्यूयार्क' में पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान के गीत 'इश्तेहार' को किसी और द्वारा गवाया जाना चाहिए था. सुप्रियो ने पाकिस्तानी कलाकारों पर बॉलीवुड में अस्थाई प्रतिबंध लगाने की भी मांग की. धीर ने कहा कि उनका सख्ती से मानना है कि पाकिस्तानी कलाकारों को आतंकी हमलों पर चुप रहने के बजाए इसके खिलाफ बोलना चाहिए.
कपिल शर्मा के बुरे दिनों में Maid ने भी छोड़ा साथ, वीडियो हुआ वायरल!
उन्होंने कहा, आप किसी भी देश के हों, भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान या अमेरिका, आपको इसके खिलाफ बोलना चाहिए. इसके अलावा, मुझे पाकिस्तानी कलाकारों से कोई परेशानी नहीं है. हमें जीवन में बड़ा सोचना चाहिए और बड़ा करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए. धीर 'सन ऑफ सरदार', 'गेस्ट इन लंदन' और 'वन टू थ्री' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं. वह 'चिड़ियाघर' और 'लापतागंज' जैसे लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों का निर्माण भी कर चुके हैं. उन्होंने स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहे धारावाहिक 'हर शाख पे उल्लू बैठा है' का लेखन, निर्माण और निर्देशन किया है। इसमें एक भ्रष्ट और मजाकिया नेता की कहानी है.
(इनपुट आईएएनएस से)
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
फिल्म '3 स्टोरीज' में रेणुका शहाणे का डायलॉग हुआ वायरल, क्या आपने देखा
उन्होंने कहा, मैं प्रतिबंध के समर्थन या विरोध में नहीं हूं. अगर मुझे विकल्प चुनना हो तो मैं अपनी फिल्म में भारतीय कलाकारों को वरीयता दूंगा. लेकिन, अगर मुझे लगता है कि कोई विशेष पाकिस्तानी कलाकार अच्छा कलाकार है और भारतीय अखंडता के खिलाफ नहीं है तथा सच्चाई के लिए बोलना चाहता है तो मुझे उसे अपनी फिल्म में लेने में कोई परेशानी नहीं है.
साल 2016 में बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों के काम करने पर प्रतिबंध को लेकर आवाजें उठी थीं, जब भारत-पाकिस्तान के बीच के तनाव का असर भारतीय मनोरंजन उद्योग पर होने लगा था. पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और पाकिस्तानी सिनेमाघरों ने भारतीय फिल्मों को हटा दिया गया था. जम्मू और कश्मीर के उरी में 18 सितंबर को आतंकवादी हमले के बाद यह प्रतिबंध लगा था. इस हमले में 19 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी.
अजय देवगन के घर में भी पड़ चुकी है Raid, एक इंटरव्यू किया खुलासा
यह मुद्दा बीते महीने दोबारा फिर से तब गरमा गया जब केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि बॉलीवुड फिल्म 'वेलकम टू न्यूयार्क' में पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान के गीत 'इश्तेहार' को किसी और द्वारा गवाया जाना चाहिए था. सुप्रियो ने पाकिस्तानी कलाकारों पर बॉलीवुड में अस्थाई प्रतिबंध लगाने की भी मांग की. धीर ने कहा कि उनका सख्ती से मानना है कि पाकिस्तानी कलाकारों को आतंकी हमलों पर चुप रहने के बजाए इसके खिलाफ बोलना चाहिए.
कपिल शर्मा के बुरे दिनों में Maid ने भी छोड़ा साथ, वीडियो हुआ वायरल!
उन्होंने कहा, आप किसी भी देश के हों, भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान या अमेरिका, आपको इसके खिलाफ बोलना चाहिए. इसके अलावा, मुझे पाकिस्तानी कलाकारों से कोई परेशानी नहीं है. हमें जीवन में बड़ा सोचना चाहिए और बड़ा करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए. धीर 'सन ऑफ सरदार', 'गेस्ट इन लंदन' और 'वन टू थ्री' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं. वह 'चिड़ियाघर' और 'लापतागंज' जैसे लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों का निर्माण भी कर चुके हैं. उन्होंने स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहे धारावाहिक 'हर शाख पे उल्लू बैठा है' का लेखन, निर्माण और निर्देशन किया है। इसमें एक भ्रष्ट और मजाकिया नेता की कहानी है.
(इनपुट आईएएनएस से)
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं