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This Article is From May 16, 2024

हरिकृष्ण गोस्वामी ने दिलीप कुमार की फिल्म से इंप्रेस होकर बदल डाला था अपना नाम, एक फिल्म की खातिर सब कुछ रख दिया था गिरवी

हरिकृष्ण गोस्वामी को दिलीप कुमार की फिल्में पहले दिन और पहले शो में देखना पसंद था. दिलीप कुमार की दीवानगी कुछ इस कदर थी कि हरिकृष्ण गोस्वामी ने अपने पसंदीदा एक्टर का स्क्रीन नेम ही अपना नाम रख लिया और नामचीन एक्टर बन गया.

हरिकृष्ण गोस्वामी ने दिलीप कुमार की फिल्म से इंप्रेस होकर बदल डाला था अपना नाम, एक फिल्म की खातिर सब कुछ रख दिया था गिरवी
दिलीप कुमार के ऑनस्क्रीन नाम पर हरिकृष्ण गोस्वामी ने रख लिया अपना नाम
नई दिल्ली:

दुनियाभर में फिल्म इंड्स्ट्री में सितारों का नाम बदलने का बहुत पुराना दस्तूर रहा है. कभी किसी सेम पॉपुलर नाम की वजह से या किसी अलग से नाम की वजह से सितारे अपना ऑनस्क्रीन नाम बदल ही लेते हैं. जीतेंद्र, दिलीप कुमार, कियारा आडवाणी, अक्षय कुमार, अजय देवगन और महिमा चौधरी जैसे बहुत से एग्जामप्ल हैं जिनका असली नाम कुछ और है और ऑनस्क्रीन नाम कुछ और. आप जानते हैं कि गुजरे दौर का एक ऐसा भी एक्टर है जिसने अपने पसंदीदा एक्टर की फिल्म में उस एक्टर पर इस्तेमाल किए गए नाम को ही अपना नाम बना लिया. इस शख्स का नाम है हरिकृष्ण गोस्वामी. इनका जन्म 24 जुलाई 1937 को हुआ था. ये दिलीप कुमार के जबरदस्त फैन थे. 

हरिकृष्ण गोस्वामी दिलीप कुमार के इतने बड़े थे कि वह उनकी फिल्म का पहला दिन पहला शो मिस नहीं किया करते थे. 1949 में दिलीप कुमार की फिल्म शबनम रिलीज हुई थी. शबनम में दिलीप कुमार का नाम मनोज कुमार था. इससे हरिकृष्ण गोस्वामी इतना इम्प्रेस हुए कि उन्होंने अपना नाम बदलने का फैसला लिया. इस तरह हरिकृष्णा गोस्वामी बॉलीवुड के मनोज कुमार हो गए. वही मनोज कुमार जिन्होंने देशभक्ति पर एक से एक कमाल की फिल्में बनाईं. जिनमें पूरब और पश्चिम, उपकार से लेकर क्रांति तक के नाम शामिल है. क्रांति फिल्म के लिए तो उन्होंने अपना बंगला और प्लॉट तक गिरवी रख दिया था. देशभक्ति की फिल्में करने की वजह से उन्हें भारत कुमार भी नाम मिला था.

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मनोज कुमार को आदमी फिल्म में पहली बार दिलीप कुमार के साथ काम करने का मौका मिला. ये फिल्म 1968 में रिलीज हुई थी. इस दौरान रविंद्र नाथ टैगोर, शरत चंद्र चटर्जी, मुंशी प्रेमचंद पर दिलीप कुमार का नॉलेज देख वो हैरान रह जाते थे. मनोज कुमार के मुताबिक दिलीप कुमार फिल्म इंड्स्ट्री के उन सितारों में से एक थे जो सेट पर अच्छा माहौल बनाकर रखते थे. वो न खुद एब्यूसिव भाषा बोलते थे. और, न ही ये पसंद करते थे कि कोई और वैसी भाषा का उपयोग करे.

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