विज्ञापन
This Article is From Sep 25, 2024

सच्चा देशभक्त था बॉलीवुड का ये सुपरस्टार, हॉलीवुड फिल्मों में नहीं किया कभी काम, स्मार्टनेस देख हर लड़की हार देती थी दिल

वह तो हॉलीवुड तक के निर्माता-निर्देशकों की पसंद बने हुए थे. वहां के फिल्म मेकर्स भी उस हीरो को मनाते रहे पर वह माने नहीं. उन्होंने यह कहकर साफ इनकार कर दिया कि वह राष्ट्रवादी हैं और अपने देश में हीं काम करेंगे.

सच्चा देशभक्त था बॉलीवुड का ये सुपरस्टार, हॉलीवुड फिल्मों में नहीं किया कभी काम, स्मार्टनेस देख हर लड़की हार देती थी दिल
हॉलीवुड फिल्म मेकर्स को जूते की नोक पर रखता था बॉलीवुड का ये सुपरस्टार
नई दिल्ली:

इंसान कितना भी कामयाब क्यों ना हो, लेकिन प्यार में नाकामी उसे हर तरह से परेशान करती है. सोचिए कि किसी की सफलता पर्दे पर इतना शोर मचा रही थी कि उसका चार्म बॉलीवुड तक ही सीमित नहीं था, वह तो हॉलीवुड तक के निर्माता-निर्देशकों की पसंद बने हुए थे. वहां के फिल्म मेकर्स भी उस हीरो को मनाते रहे पर वह माने नहीं. उन्होंने यह कहकर साफ इनकार कर दिया कि वह राष्ट्रवादी हैं और अपने देश में हीं काम करेंगे.

इस अभिनेता का नाम था देव आनंद. हिंदी सिनेमा के सबसे स्टाइलिश हीरो जिन पर इंडस्ट्री की हीरोइनें और देश की युवतियां फिदा थीं. 6 दशक तक हिंदी सिनेमा में अपना जलवा बिखेरने वाले देव आनंद ने अपने करियर की शुरुआत से अंत तक कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह तो इतने जिंदादिल थे कि मौत को भी गले लगाने की बात करते थे. वह कहते, "मैं मौत से नहीं डरता. जब आएगी तो उसे गले लगा लूंगा, क्योंकि मौत तो एक दिन सबको ही आनी है."

उनकी एक फिल्म थी 'गाइड', जिसमें एक डायलॉग था, "ना दुख है, ना सुख है, ना दीन है ना दुनिया." तुम बस सो रहे हो और फिर अपनी आंखें बंद कर लेते हो. और, आप एक अलग दुनिया में हैं. और, बस आप चले गए. आप मर गए. आपको दुख नहीं सहना पड़ा. कौन जानता है कि तुम कहां हो? सिर्फ उन्हीं लोगों को दुख होगा जो पीछे छूट जाएंगे. वही आपके लिए रोएंगे. इसी भाव के साथ देव आनंद भी जीते रहे.

साल था 1946 की और फिल्म थी 'हम एक हैं', जिससे देव आनंद ने अपने करियर की शुरुआत की थी और यह सफर 2011 तक बिना रुके चलता रहा. उनकी आखिरी फिल्म 2011 में आई 'चार्ज शीट' थी. देव साहब को लेकर भले ही उनकी साथी अभिनेत्रियों में दीवानगी भरी पड़ी हो, लेकिन देव साहब तो ‘मल्लिका-ए-हुस्न' सुरैया के दीवाने थे. वह देव साहब का पहला प्यार थीं. देव साहब जैसे जिंदादिल इंसान अगर किसी लड़की के लिए फूट-फूटकर रोए तो वह भी सुरैया हीं थी. हालांकि, दोनों कभी मिल नहीं पाए और एक शर्त और धमकी ने दोनों को हमेशा अलग रखा.

सुरैया ने ताउम्र शादी नहीं की. लेकिन, देव आनंद ने कल्पना कार्तिक से शादी कर ली. उनकी शादी का किस्सा भी काफी दिलचस्प रहा. दरअसल, कल्पना और देव आनंद, चेतन आनंद की फिल्म 'बाजी' में साथ काम कर रहे थे और कल्पना को देव साहब काफी पसंद थे. फिर दोनों 'टैक्सी ड्राइवर' में भी साथ काम करने आए. कल्पना को पहली ही फिल्म के बाद कई और बैनर की फिल्में ऑफर होने लगी थी. लेकिन, उन्होंने मना कर दिया था. वह यह कहकर काम करने से इनकार करती रहीं कि वह केवल देव साहब के साथ ही फिल्म करना चाहती हैं.

फिल्म 'टैक्सी ड्राइवर' के सेट पर शूटिंग के दौरान देव साहब ने कल्पना को शादी के लिए ऑफर कर दिया और वह झट से मान गईं और फिल्म शूटिंग के ब्रेक के दौरान ही फिल्म सेट पर दोनों ने शादी कर ली. धर्मदेव पिशोरीमल आनंद यानी देव आनंद ने 'विद्या', 'जीत', 'शायर', 'गाइड', 'अफसर', 'दो सितारे', 'जिद्दी' और 'सनम' समेत 116 फिल्मों में काम किया. एक क्लर्क के तौर पर अपने काम की शुरुआत करने वाले देव आनंद के बारे में किसने सोचा था कि एक दिन सिनेमा के पर्दे पर यह सितारा इतना चमकेगा कि इसके सामने सबकी चमक फीकी पड़ जाएगी.    

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com