ब्लॉकबस्टर डायरेक्टर के तौर पर पहचाने जाने वाले डायरेक्टर रोहित शेट्टी पहली नवंबर को सिंघम अगेन लेकर आए थे. इस बार सिंघम अकेला ना होकर उसके साथ बॉलीवुड के आठ दिग्गज सितारे आए थे. यही नहीं, फिल्म रामायण का भी पूरा समावेश किया गया. कुल मिलाकर रोहित शेट्टी ने हर वो कोशिश की जिससे फिल्म बॉक्स ऑफिस पर उठ सके. फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन लगातार आ रहे हैं. लेकिन फिल्म में जो काम रणवीर सिंह ने किया है, वह जरूर चुभता है. रणवीर सिंह वो सितारे हैं जिन्होंने बाजीराव मस्तानी और पद्मावत जैसी फिल्में की हैं, उनके सिम्बा के किरदार को जिस तरह से उन्होंने फिल्म में गढ़ा, वो एक स्टार के फैन्स के साथ पूरी तरह नाइंसाफी थी.
रोहित शेट्टी ने सिंघम अगेन में रणवीर सिंह को भगवान हनुमान के प्रतीक के तौर पर पेश किया है. रोहित ने वो सीन भी गढ़ा है जब हनुमान माता सीता से मिलने लंका जाते हैं और रावण की सोने की लंका को आग लगा देते हैं. अब ऐसा ही सीन सिंघम अगेन में भी गढ़ा गया. यह सब तो अच्छा था, लेकिन जिस तरह की एक्टिंग रणवीर सिंह से करवाई गई, उसे देखकर पूरी सिम्पैथी रणवीर के साथ जाती है. क्योंकि रणवीर की फिल्म सर्कस के डायरेक्टर रोहित शेट्टी ही थे. रोहित शेट्टी ने कमजोर सिम्बा को पेश किया क्योंकि कहानी के हीरो अजय देवगन हैं तो रणवीर सिंह तो कुछ कर ही नहीं सकते थे.
इस तरह रोहित शेट्टी ने रणवीर सिंह से फिल्म में पुलिस अफसर का झांसा देकर कॉमेडियन का काम ही करवा लिया. वो भी बहुत ही कच्चे किस्म का. फिल्म में रणवीर सिंह एक मसखरे से बनकर रह जाते हैं. जो गुंडों से डरते घबराते रहते हैं. वो सीन देखकर तो रणवीर सिंह को लेकर दिल टूट जाता है जब वो अजय देवगन के घुटने पर किसी मासूम की तरह सिर रखकर सोते हैं और वो भी 'रावण की लंका' में. इस सीन की जरूरत नहीं थी. लेकिन रोहित शेट्टी को अजय देवगन को शक्तिमान दिखाना था. इसलिए रणवीर का इस तरह का बैंड बजाना जाना जरूरी था.
कुल मिलाकर रणवीर सिंह का सिम्बा किरदार सिंघम अगेन में सर्कस की ही अगली कड़ी था. मुझे लगता है कि रणवीर सिंह को फ्यूचर में इस तरह कैमियो से कन्नी काटनी चाहिए क्योंकि अगर वो ऐसे ही किरदार करते रहे तो भविष्य के दर्शक सिनेमा के खिलजी, बाजीराव और गली बॉय को भुला बैठेंगे.
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