
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (फाइल फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
अटल बिहारी वाजपेयी का निधन
लोकार्पण के लिए दी थी ये हिदायत
पढ़ें यतीन्द्र मिश्रा का संस्मरण
अटल बिहारी वाजपेयी वाणी ही नहीं कलम के भी हैं जादूगर, जब जोश में बोले- मस्तक नहीं झुकेगा...
पूर्व प्रधानमंत्री ने आगे कहा था, 'आपका बहुत मन होगा, तो मैं लोकार्पण कर दूंगा, मगर इससे आपकी छवि सही ढंग से समाज में नहीं जाएगी. आप पर राजनीतिक छाया देखी जाएगी, जो किसी भी नए रचनाकार के लिये उचित नहीं. मैं आशीर्वाद देता हूं कि ख़ूब बढ़िया लिखिए, मगर स्वतंत्र होकर लिखिए. किसी भी राजनीतिक दल का स्टैम्प आप पर नहीं लगना चाहिए. ये आपके स्वतंत्र निर्माण में बहुत काम आएगा.'
ये कहकर उन्होंने संग्रह की एक दो कविताएं पढ़ीं. उनको सराहा और अपनी किताब 'मेरी इक्यावन कविताएं' भेंट में हस्ताक्षर करके दीं.
अटल बिहारी वाजपेयी का निधन, जब लता मंगेशकर की इस बात पर खूब हंसे थे पूर्व PM
उसके बाद से मैंने कभी किसी किताब को राजनेताओं से लोकार्पित कराने के बारे में सोचा ही नहीं. हालांकि मेरा खुद अटल बिहारी के अलावा किसी और को लेकर कभी ये मंशा नहीं रही कि मैं अमुक कृति को किसी ख़ास व्यक्ति से लोकार्पण के लिए आग्रह करूं. अटल की दी हुई नसीहत पर ही आज तक चलता रहा हूं. आज तक वही निभाने का प्रयास है. बाद में, मेरा पहला संग्रह पं विद्यानिवास मिश्र ने लोकार्पित किया, जो मेरे गुरु भी थे.
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं