16 अक्टूबर, सुबह 10 बजे कांग्रेस ने कार्यसमिति की बैठक दिल्ली में बुलाई है. बहुत लम्बे अरसे के बाद कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक का एजेंडा लिखकर दिया गया है.
इस बैठक के तीन एजेंडे हैं.
* पहला - पार्टी के भीतर संगठन चुनाव
* दूसरा - पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनाव, और...
* तीसरा - देश के मौजूदा राजनीतिक हालात.
पहले मुद्दे के बारे में बाद में बात करेंगे, सबसे पहले दूसरे और तीसरे एजेंडे के बारे में आपको बताता हूं. फरवरी, 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जो उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर हैं. तीसरे एजेंडे में चर्चा होगी, देश के मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में, जिसमें किसान संघर्ष, बेरोज़गारी, महंगाई और चीन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी.
कहानी शुरू हुई थी कि क्या राहुल गांधी का अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ़ हो गया...? यह सवाल मैंने इसलिए किया था, क्योंकि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक का सबसे पहला और महत्वपूर्ण मुद्दा है, संगठन चुनाव, जो सीधे तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से जुड़ा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, 16 अक्टूबर को होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक मे कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव की तारीख़ों का ऐलान होने वाला है. अक्टूबर, 2021 से लेकर 2022 तक पूरा लेखा-जोखा बताया जाएगा. कांग्रेस का G-23 समूह भी लम्बे समय से कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की मांग कर रहा है. सितंबर, 2020 में इस समूह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव की मांग की थी. जब यह चिट्ठी पिछले साल मीडिया में आई, उस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बीमारी के चलते दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थीं. उसके तुरंत बाद कार्यसमिति की बैठक हुई, तो राहुल गांधी ने जी-23 के पत्र लिखने की टाइमिंग पर सवाल खड़े किए थे. राहुल गांधी ने कहा था, जब मेरी मां और कांग्रेस अध्यक्ष बीमार थीं, उस कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता यह पत्र लिख रहे थे.
पिछले एक साल से कांग्रेस लीडरशिप और जी-23 नेताओं के बीच आंख-मिचौली चल रही है. राहुल गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के इस समूह की बात मानने के लिए राज़ी नहीं और G-23 भी पार्टी आलाकमान पर हमला करने से नहीं चूकता. फिर चाहे वह नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफ़ा हो या पश्चिम बंगाल, केरल और असम में कांग्रेस की हार. दोनों तरफ़ से सिर्फ़ मौक़े की तलाश रहती है.
2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस के पास पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं है. लोकसभा चुनाव में हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और उसके बाद सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था. अभी चुनाव की तारीख़ का ऐलान करने के पीछे एक वजह यह भी है कि 2017 के अंत में राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष बने थे. कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल का होता है, जो 2022 के अंत में पूरा हो रहा है, इसीलिए 16 अक्टूबर को होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तारीख़ों का ऐलान होने वाला है. तो क्या यह मान लिया जाए कि राहुल गांधी दोबारा 2022 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष बन जाएंगे और जी-23 के वरिष्ठ नेता उन्हें चुनौती भी नहीं देंगे...?
आदेश रावल वरिष्ठ पत्रकार हैं... आप ट्विटर पर @AadeshRawal पर अपनी प्रतिक्रिया भेज सकते हैं...
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