तीन दिन बाद फिलिप ह्यूज अपना जन्मदिन मनाने वाले थे, लेकिन किसे पता था कि किस्मत में और कुछ लिखा हुआ है। फिलिप जिस बाउंसर बॉल को खेलने के माहिर माने जाते थे, वही बाउंसर उनकी मौत का कारण बनी।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ फिलिप की शानदार पारी कोई नहीं भुला सकता, अपने पहले टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका के गेंदबाजों की शॉर्ट पिच गेंदों की ऐसी धुलाई की, ऐसा लगा, कोई अनुभवी खिलाड़ी बैटिंग कर रहा है और 2009 के इस टेस्ट मैच में फिलिप ने शानदार अर्द्धशतक भी बनाए थे।
फिलिप ह्यूज का जन्म न्यू साउथ वेल्स में हुआ था। बचपन से क्रिकेटर बनने का सपने रखने वाले फिलिप क्रिकेट के साथ-साथ रग्बी भी खेलते थे। फिलिप ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सबसे युवा खिलाड़ी थे, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट के पूरा कप फाइनल में शतक बनाया। 20 साल की उम्र में अपने करियर के दूसरे टेस्ट मैच में फिलिप ने दोनों पारियों में शतक बनाने का रिकॉर्ड कायम किया। यह टेस्ट मैच साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2009 में डरबन में खेला गया था।
फिलिप ऑस्ट्रेलिया के पहले खिलाड़ी थे, जिन्होंने अपने पहले एक-दिवसीय मैच में शतक बनाने का रिकॉर्ड भी कायम किया और यह रिकॉर्ड उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ बनाया। फिलिप ने क्रिकेट करियर में 26 टेस्ट मैचों में करीब 33 के औसत से 1,535 रन बनाए और एक-दिवसीय मैचों में करीब 36 के औसत से 25 मैचों में से 826 रन बनाए।
किस्मत कितनी अजीब है, फिलिप ने अपने करियर का पहला शतक इसी सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में बनाया था, 2008 में शेफील्ड शील्ड मैच के दौरान शानदार 116 रन की पारी खेली थी, और इस बार इसी मैदान पर शेफील्ड शील्ड मैच के दौरान जब वह एक और शतक की ओर बढ़ रहे थे, किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। जब वह 63 रन पर खेल रहे थे, एक शॉर्ट पिच बॉल उनके सिर पर लगी और दो दिन के बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
नवंबर का महीना उनके जीवन में हमेशा खास रहा है... 30 नवंबर, 1988 को उनका जन्म हुआ था, 23 नवंबर को उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी और अब 27 नवंबर को उनकी मौत हुई। यह सही है कि फिलिप ह्यूज अपना यह शतक पूरा नहीं कर पाए, 63 रन पर नॉट आउट रहे और क्रिकेट प्रेमियों के दिल में वह हमेशा नॉट आउट ही रहेंगे...