China: CPC बैठक में चीनी शैली का आधुनिकीकरण बढ़ाने पर दिया गया ज़ोर

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Anil Azad Pandey

चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है, चीन में होने वाले हर घटनाक्रम का दुनिया पर असर पड़ता है. जाहिर है कि सीपीसी की 20वीं सेंट्रल कमेटी के तीसरे पूर्णाधिवेशन पर लोगों की नजर बनी हुई है. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग जो कि सीपीसी सेंट्रल कमेटी के महासचिव भी हैं. उनके नेतृत्व में यह अधिवेशन 15 जुलाई को बीजिंग में शुरू हुआ. इस बैठक में सीपीसी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. बैठक में व्यापक तौर पर सुधारों को गहराने और चीनी शैली का आधुनिकीकरण बढ़ाने पर जोर दिया गया है. देश और दुनिया को इस बात का इंतजार है कि चीन इस बैठक में भविष्य के वित्तीय सुधार और खुलेपन के लिए रोडमैप के लिए किस तरह से माहौल तैयार करता है. माना जा रहा है कि इससे निवेशकों और उपभोक्ताओं में विश्वास जगेगा.

सीपीसी का एजेंडा

सीपीसी केंद्रीय समिति/सेंट्रल कमेटी का पोलित ब्यूरो केंद्रीय समिति को रिपोर्ट करता है. इसका उद्देश्य सुधारों को और गहरा करने और चीनी शैली के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना है. सुधार को और गहरा करने और चीनी शैली के आधुनिकीकरण पर सीपीसी सेंट्रल कमेटी के निर्णय के मसौदे की समीक्षा करना भी शामिल है. बताया जाता है कि इस पूर्णाधिवेशन में सीपीसी के नेता अनिश्चित आर्थिक माहौल को बेहतर बनाने के लिए नीतिगत घोषणा कर सकते हैं. इसमें मुख्य तौर पर आर्थिक सुधारों और खुलेपन पर जोर रहेगा. इसमें चीनी शैली के आधुनिकीकरण बढ़ाने पर भी ध्यान रहने वाला है. कहने का मतलब है कि चीन पश्चिम के मॉडल की नकल न करते हुए अपने विकास और आधुनिकीकरण के तौर-तरीके अपनाने के लिए प्रतिबद्ध दिखता है.

इस अहम बैठक में चीन में जारी वित्तीय सुधार के नए दौर में देश के आधुनिकीकरण संबंधी अभियान को बेहतर ढंग से चलाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. इसमें तकनीकी इनोवेशन और व्यापक रियल इकोनॉमी को बढ़ावा देने पर प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही वित्तीय रेगुलेशन को तेज करने और वित्तीय जोखिमों से बचने के लिए कार्रवाई पर भी फोकस होगा.

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बैठक का महत्व

  1. चीनी शैली के आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने में सामने आई नई स्थिति और नई चुनौतियों का विश्लेषण.
  2. चीनी शैली के आधुनिकीकरण और अधिक गहन सुधार को लेकर वैज्ञानिक योजना.
  3. दावा है कि सुधारों को और अधिक गहरा करने का समग्र लक्ष्य चीनी विशेषता के साथ समाजवादी प्रणाली को बेहतर बनाना और विकसित करना है.

गौरतलब है कि चीन 2035 तक, एक उच्च स्तरीय समाजवादी बाजार/ अ हाई लेवल सोशलिस्ट मार्केट अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से स्थापित करने पर जोर देता रहा है. कहना है कि चीनी विशेषता वाली समाजवादी प्रणाली अधिक पूर्ण होगी. जबकि राष्ट्रीय बौद्धिक शिक्षा और शासन क्षमता का आधुनिकीकरण किया जाएगा. ताकि चीन एक समाजवादी आधुनिक ताकत बन सके.

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अनिल आज़ाद पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप हिन्दी में वरिष्ठ पत्रकार हैं, पिछले डेढ़ दशक से चीन में कार्यरत हैं.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

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