भारत ने एक बार फिर अपने पसंदीदा बेटे, आजादी के बाद के आधुनिक इतिहास में अपने सबसे पसंदीदा प्रधानमंत्री के लिए वोट किया है. जब भारत जैसा बड़ा, जटिल और विविधतापूर्ण लोकतंत्र तीसरी बार किसी नेता को चुनता है, तो इसका सीधा सा मतलब है कि देश का इस नेता के साथ बहुत विशेष संबंध है. विश्वास और भरोसे पर आधारित यह रिश्ता भारतीय इतिहास में अद्वितीय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक जनादेश हासिल किया है. यह उनके नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा जीता गया तीसरा आम चुनाव है. आमतौर पर लोकतंत्र और विशेष रूप से भारतीय लोकतंत्र के लिए कई ऐतिहासिक तथ्यों को फिर से लिखा गया है.
आधुनिक लोकतंत्रों में बहुत कम नेताओं ने तीन जनादेश हासिल किए हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका में, युद्धकालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रुजवेल्ट और यूनाइटेड किंगडम में, प्रधान मंत्री मार्गरेट थैचर के तीन कार्यकाल रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने विनाशकारी महामारी की विपरीत परिस्थितियों में के बावजूद इन लोकप्रिय वैश्विक नेताओं को पीछे छोड़ दिया.
भाजपा ने 236 मिलियन वोट हासिल किए
हाल ही में संपन्न चुनावों में प्रधानमंत्री मोदी की भाजपा ने 236 मिलियन वोट हासिल किए हैं. यह संख्या पिछले तीन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में विजेता उम्मीदवार, पिछले ब्रिटेन के आम चुनाव में विजेता पार्टी और पिछले यूरोपीय संसद में विजेता उम्मीदवारों को मिले वोटों की संयुक्त संख्या से बहुत अलग नहीं है. उन्हें 2014 में 171 मिलियन वोट और 2019 में 229 मिलियन वोट मिले थे.
जनता ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पर अपना विश्वास जताया
जवाहर लाल नेहरू के बाद पीएम मोदी एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने लगातार तीन बार जीत हासिल की है. निस्संदेह, नेहरू ने ब्रिटिश काल ख़त्म होने के तुरंत बाद चुनाव जीता, जब कांग्रेस को तथाकथित "स्वतंत्रता लाभांश" का आनंद मिला. उस युग में विपक्ष नवजात और अपर्याप्त था. आज के डिजिटल युग में जब आप चौबीस घंटे कैमरों की निगरानी में हैं, ऐसे 54 साल से ज्यादा के शासन के अनुभव वाले कांग्रेस और उसके सहयोगियों के खिलाफ लगातार तीन कार्यकाल हासिल करना शानदार है. इन चुनावों में भी कांग्रेस को 137 मिलियन वोट मिले हैं.यह बीजेपी से करीब 100 मिलियन वोट कम है. बीजेपी अकेले ही पूरे विपक्षी खेमे से ज्यादा सीटें हासिल करने में कामयाब रही है. 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद 2014 में कांग्रेस महज 44 सीटों पर सिमट गई. इसके विपरीत, 2024 में भाजपा ने 240 सीटें जीती हैं और एनडीए तीसरे कार्यकाल के लिए पूरी तरह तैयार है. विपक्ष या फिर कोई भी छाती पीट-पीट कर इस तथ्य को नहीं बदल सकती कि भारत की जनता ने एक बार फिर प्रधानमंत्री पर अपना विश्वास जताया है.
23 वर्षों के राजनीतिक करियर में चुनावी हार नहीं देखी
ओडिशा में नवीन पटनायक की पराजय के साथ, पीएम मोदी भारत में किसी निर्वाचित सरकार के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रमुख बनने के लिए तैयार हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री और अब भारत के प्रधानमंत्री, दोनों के रूप में, उन्होंने लगभग 23 वर्षों के राजनीतिक करियर में चुनावी हार नहीं देखी है.
पीएम ने सबसे लंबा कार्यकाल अपने नाम किया
प्रधानमंत्री नेहरू ने 1952 में स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव होने तक पूरे पांच साल तक सेवा की. 1952 के बाद उन्होंने 12 वर्षों तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. इसी तरह, इंदिरा गांधी ने मूल रूप से अपने पिता द्वारा जीते गए कार्यकाल के 2 साल पूरे किए. उन्होंने तब आपातकाल लगा दिया जब उन्हें चुनावी कदाचार का दोषी ठहराए जाने पर इस्तीफा दे देना चाहिए था और 2 साल और जेल में रहना चाहिए था. जब पीएम मोदी अपना तीसरा कार्यकाल पूरा करेंगे, तो वह अपने नाम पर और अपने नेतृत्व ट्रैक रिकॉर्ड के लिए भारतीय मतदाताओं का आशीर्वाद मांगते हुए, प्रधानमंत्री के रूप में 15 साल की सेवा कर चुके होंगे. रिकॉर्ड तोड़ने की यह होड़ कोई आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए. पीएम मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड अपनी सूक्ष्मता में गहरा और अपनी कल्पना में व्यापक रहा है.
असाधारण नेतृत्व
पीएम मोदी भारत को एक साथ लेकर आए हैं. उन्होंने ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय लिए, जिन्हें उनके पूर्ववर्तियों ने टाला या अपने जनादेश के भीतर पूरा नहीं कर सके. जम्मू-कश्मीर को एकीकृत करने के लिए अनुच्छेद 370 को हटाना, आतंकवाद से निपटना और उत्तर पूर्व में अभूतपूर्व विकास लाना, एक भारत- श्रेष्ठ भारत, काशी-तमिल संगम और प्रतीकवाद जैसे प्रयासों के माध्यम से देश का सांस्कृतिक एकीकरण करना. नए संसद भवन में सेंगोल को रखने के प्रस्ताव उल्लेखनीय है. पीएम मोदी ने भी सबसे पहले भारत के सुरक्षा हितों को प्राथमिकता दी है, चाहे वह सर्जिकल स्ट्राइक हो, महत्वाकांक्षी रक्षा सौदे हों या रक्षा तैयारियों और स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने पर भारत का नए सिरे से जोर हो.
वैश्विक मंच
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की वह बात जो उन्हें दूसरों से अलग खड़ा करती है वह है भारत को 'विश्व मित्र' के तौर पर स्थापति करने की उनकी प्रतिबद्धता. नए अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करते हुए, उन्होंने उन पुराने संबंधों को भी पूरी तरह से बनाए रखा है, जो पहले विरोधाभासी माने जाते थे. उन्होंने पूरी तरह से भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए काम किया है। भू-राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने भारतीय नजरिए का इस्तेमाल किया है. इसमें कल्पनाशीलता और आत्मनिर्भरता की झलक मिलती है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने जी-20 की अध्यक्षता करते हुए सैकड़ों कार्यक्रमों और प्रतिनिधि कार्यक्रमों के माध्यम से सनातन संस्कृति को गर्व से प्रदर्शित किया. पीएम मोदी अपने कार्यकाल के दौरान 75% से अधिक अप्रूवल रेटिंग के साथ वैश्विक नेताओं की रैंकिंग में लगातार शीर्ष पर रहे हैं.
अमेरिका के फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट, जापान के शिंजो आबे और सिंगापुर के ली कुआन यू जैसे उल्लेखनीय वैश्विक नेताओं की तरह, पीएम मोदी बाधाओं को पार कर भारत को वैश्विक मंच के केंद्र में लाए . उन्हें ऐसे समय में भारत का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था, जब रेटिंग एजेंसी मॉर्गन स्टेनली ने देश को फ्रैजाइल फाइव (नाजुक पांच देश) में शुमार किया था. देश की विकास दर स्थिर थी, सरकारी बैंकों के पास रिकॉर्ड गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) था और वह एक के बाद एक घोटालों से हिला हुआ था. सबसे बढ़कर, उन्हें सदी की सबसे बड़ी वैश्विक महामारी और उसके परिणामस्वरूप आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा.
हालांकि, आज, भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर स्वस्थ है, पिछले वित्तीय वर्ष में 8.2% की वृद्धि हुई है. सरकारी बैंकों ने एनपीए का न्यूनतम स्तर और मुनाफा उच्चतम स्तर दर्ज किया है.
राजकोषीय विवेक और जन कल्याण साथ-साथ
मोदी सरकार ने राजकोषीय विवेक और आर्थिक स्थायित्व को बनाए रखने के साथ-साथ शानदार कल्याणकारी योजनाओं का भी सफलतापूर्वक प्रबंधन किया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में 250 मिलियन भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है. यह एक ऐसी अभूतपूर्व उपलब्धि है, जिसका शायद ही दुनिया में कोई उदाहरण मिलेगा. उनकी जनकल्याणकारी नीतियों से 800 मिलियन नागरिकों को मुफ्त राशन, 100 मिलियन रसोई गैस कनेक्शन, 40 मिलियन गरीब परिवारों को घर और 190 मिलियन नल जल कनेक्शन मिले हैं. और यह जारी है.
भारतीय महिलाओं को सशक्त बनाया
उनके इस सोशल ट्रांसफॉर्मेशन का एक अन्य अहम पहलू नागरिक सहभागिता और नागरिक व्यवहार में परिवर्तन रहा है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के कारण लिंग अनुपात में सुधार और स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता पर ध्यान इस बात का उदाहरण है कि कैसे पीएम मोदी ने भारतीय समाज में स्थायी बदलाव लाए हैं. पीएम मोदी की तीन तलाक उन्मूलन, लखपति दीदी और ड्रोन दीदी जैसी परिवर्तनकारी पहल से भारतीय महिलाएं और सशक्त हुई हैं.
पीएम मोदी जीतते हैं क्योंकि वह सभी भारतीयों की आकांक्षाओं के प्रतीक हैं. वह प्रत्येक भारतीय नागरिक के जीवन की बेहतरी के लिए समर्पित हैं. मतदाता उन पर विश्वास करते हैं, क्योंकि वह विश्वसनीय, सबके पसंदीदा और सक्षम हैं . नेतृत्व क्षमताओं की एक ऐसी त्रिमूर्ति, जिसका सार्वजनिक जीवन में मिलना दुर्लभ है.
(अमित मालवीय भाजपा के नेशनल इनफार्मेशन एंड टेक्नालॉजी विभाग के प्रभारी हैं.)
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.