25 लाख रुपये दें और ले जाएं... अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर लेकिन सुर्खियों में उनका वैनिटी वैन क्यों?

प्रशांत किशोर ने कहा कि वैन की कीमत 25 लाख रुपए है और कह रहे हैं कि 25 लाख रुपए रेंट लग रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मांग मनवाने के लिए सरकार से आग्रह कर रहे हैं.

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पटना:

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर बिहार लोक सेवा आयोग की 70 वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर पटना के गांधी मैदान में बापू की प्रतिमा के समीप आमरण अनशन पर बैठे हैं. इसी बीच, वहां तैनात वैनिटी वैन को लेकर प्रशांत किशोर विवादों में घिर गए हैं. विपक्षी दलों के नेताओं का आरोप है कि प्रशांत किशोर फाइव स्टार अनशन कर रहे हैं.

'25 लाख रुपए दे जाएं...'
प्रशांत किशोर ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा, "आरोप लग रहा है कि इस वैन में बाथरूम जाते हैं. दूसरे लोग घर जाते हैं, वे अनशन पर नहीं हैं. मैं अनशन पर हूं. किसी ने कहा कि दो करोड़ रुपए का वैनिटी वैन है, किसी ने कहा 25 लाख रुपए रेंट है, जो लोग यह कह रहे हैं, उनसे आग्रह है कि वह वैन ले जाएं और 25 लाख रुपए दे जाएं. बाथरूम करने का कोई जगह भी भेज दें, जहां मैं जा सकूं."

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उन्होंने आरोप लगाने वालों को मूर्ख बताते हुए कहा कि वैन की कीमत 25 लाख रुपए है और कह रहे हैं कि 25 लाख रुपए रेंट लग रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मांग मनवाने के लिए सरकार से आग्रह कर रहे हैं. इसके बाद कोर्ट जाएंगे और वहां भी न्याय नहीं मिला तो फिर जनता की अदालत में जाएंगे. यही लोकतंत्र में मांग मनवाने का तरीका है.

'मुद्दा वैनिटी का नहीं..'
जन सुराज के प्रवक्ता विवेक कुमार ने वैनिटी वैन के विवाद पर कहा कि वैनिटी वैन अनशन में बैठे लोगों के वॉशरूम के लिए है. विपक्ष की ओछी राजनीति छात्रों के असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है. मुद्दा वैनिटी का नहीं, छात्रों के पेपर लीक का है. सरकार बच्चों को लाठी से पिटवा रही है और विपक्ष के 'राजकुमार' कड़ाके की ठंड में घर पर आराम कर रहे हैं.

उन्होंने तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और भाजपा के बड़े नेताओं को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो एक रात इस कड़ाके की सर्दी में गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे बिताकर दिखा दें. प्रशांत किशोर 24 घंटे मीडिया के कैमरे के सामने बैठे हैं. विपक्षी नेताओं को छात्रों के मुद्दों से कोई मतलब नहीं है, इसलिए इस तरह के अनावश्यक मुद्दों को उठा रहे हैं.

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