संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा में टॉप करने वाले शुभम कुमार (Shubham Kumar) कटिहार जिले के कदवा पहुंचे तो उनके पैतृक गांव कुमरिही में उनका भव्य स्वागत किया गया है. स्वागत के बाद गांव के मंच से जब यूपीएससी टॉपर ने अपनी बात रखी तो मानो उन्होंने बता दिया "बिहारी और बिहारीयत क्या होता है, वैसे तो उन्होंने मंच से सभी बच्चों को अपनी मातृभाषा के साथ सभी भाषा में दक्षता हासिल करने का सुझाव दिया. साथ ही उन्होंने यह भी बता दिया क्यों "एक बिहारी सब पर भारी" है. फिलहाल, देश के सबसे कठिन माने जाने वाले यूपीएससी एग्जाम में अपनी प्रतिभा के दम पर डंका बजाने वाले कटिहार के इस युवक ने वाकई साबित कर दिया एक बिहारी आखिर कैसे सब पर भारी है.
शुभम ने कहा कि जब मैं अपनी ट्रेनिंग एकेडमी में गया तो वहीं पर सभी यूपीएससी क्रैक किए हुए लोग बैठे थे. उन्होंने मुझे पूछा कि शुभम तुम हिंदी क्यों बोलते तो तुम्हारी मातृभाषा क्या है. मैंने कहा कि अपनी मातृभाषा मैंने कभी सीखी ही नहीं. वहां बैठे लोगों के लिए हिंदी दूसरी भाषा थी उसके अलावा उनकी कोई न कोई मातृभाषा थी, जिस पर वे गर्व करते हैं. मेरा यह कहना है कि हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जहां भी मैं गया वहां पर शुरुआत में लोग बोलेंगे एक बिहारी है, लेकिन धीरे-धीरे उनको यकीन हो गया कि एक बिहारी क्या कर सकता है. मेरा कहना है कि आपको अपने पर विश्वास होना चाहिए.
बता दें कि बिहार के शुभम कुमार ने प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा, 2020 में शीर्ष स्थान हासिल किया है. वहीं मध्यप्रदेश की जागृति अवस्थी ने दूसरा स्थान हासिल किया. संघ लोक सेवा आयोग शुक्रवार को परीक्षा के परिणाम जारी किए. परीक्षा में कुल 761 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए हैं जिनमें 545 पुरुष और 216 महिलाएं हैं और आयोग ने विभिन्न सिविल सेवाओं के लिए उनके नामों की अनुशंसा की है.
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