“जातीय गणना आर्थिक न्याय की दिशा में बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा": तेजस्वी यादव

पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में जाति आधारित गणना के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं.

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पटना:

 पटना उच्च न्यायालय द्वारा जाति आधारित गणना कराने के राज्य सरकार के फैसले को बरकरार रखने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि यह ‘आर्थिक न्याय की दिशा में बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा.' पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में जाति आधारित गणना के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं.

इसके बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता यादव ने ट्विटर पर कहा, “हमारी सरकार के जाति आधारित सर्वे से प्रामाणिक, विश्वसनीय और वैज्ञानिक आंकड़े प्राप्त होंगे. इससे अतिपिछड़े, पिछड़े तथा सभी वर्गों के गरीबों को सर्वाधिक लाभ प्राप्त होगा.” उन्होंने कहा, “ जातीय गणना आर्थिक न्याय की दिशा में बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम होगा. हमारी मांग है कि केंद्र सरकार जातीय गणना करवाए.”

उपमुख्यमंत्री ने सवाल किया, “ ओबीसी प्रधानमंत्री होने का झूठा दंभ भरने वाले, देश की बहुसंख्यक पिछड़ी और गरीब आबादी की जातीय गणना क्यों नहीं कराना चाहते? एक साल पहले जब केंद्र ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अलावा अन्य सामाजिक समूहों की गणना नहीं की जाएगी तब यादव ने जाति आधारित गणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन किया था. उस वक्त राजद विपक्ष में थी और कुमार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से सरकार चला रहे थे.

यादव जनता दल (यू) के नेता कुमार के नेतृत्व वाले उस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे जिसने जाति आधारित गणना की मांग पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी. हालांकि तब भी प्रदेश भाजपा ने जाति आधारित गणना का समर्थन किया था.इस बीच बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. यह याद रखना चाहिए कि भाजपा ने हमेशा जाति आधारित गणना का समर्थन किया है.''

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘लेकिन अगर सरकार जातीय तनाव पैदा करने और अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए जाति आधारित गणना का इस्तेमाल करती है तो हम सरकार का समर्थन नहीं करेंगे. हम सर्वेक्षण के निष्कर्षों को सार्वजनिक करने के लिए सरकार पर दबाव भी डालते रहेंगे.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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