Suryagarha Chunav Result: सूर्यगढ़ा से JDU प्रत्याशी रामानंद जीते, RJD के प्रेम सागर को हराया

Suryagarha Chunav Result: सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर अब NDA का कब्जा है. 2020 में इस सीट पर आरजेडी का कब्जा था लेकिन अब यहां जेडीयू ने वो कर दिखाया है, जो वह अब तक नहीं कर सकी थी.

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सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर JDU की जीत.
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  • सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर जेडीयू के रामानंद मंडल ने आरजेडी के प्रेम सागर चौधरी को भारी मतों से हराया है.
  • सूर्यगढ़ा सीट जेडीयू के खाते में गया है, जबकि पहले बीजेपी ने इस क्षेत्र में दो बार जीत हासिल की थी.
  • इस क्षेत्र में यादव समुदाय का प्रभाव सबसे अधिक है और अनुसूचित जाति तथा मुस्लिम वोटरों की भी हिस्सेदारी है.
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पटना:

सूर्यगढ़ा सीट पर एनडीए ने अपना कब्जा जमा लिया है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला जेडीयू और आरजेडी के बीच था. जेडीयू के रामानंद मंडल ने आरजेडी के प्रेम सागर चौधरी को 23861 वोटों के अंतर से हरा दिया है. रामानंद को 101968 वोट मिले हैं. ये जीत नीतीश के लिए बहुत मायने रखती है.  बिहार के लखीसराय जिले की सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट मुंगेर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. जेडीयू यह सीट अब तक तक जीत नहीं सकी थी लेकिन अब यहां उसने अपना कब्जा जमा लिया है. वहीं बीजेपी यहां पर दो बार 2005 और 2010 में जीत हासिल कर चुकी है.एनडीए से यह सीट जेडीयू के खाते में गई थी.

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सूर्यागढ़ा सीट पर पहले चरण के 66.65 प्रतिशत मतदान हुआ है. यहां पर मुख्य मुकाबला जेडीयू के रामानंद मंडल, आरजेडी के प्रेम सागर चौधरी और जनसुराज के अमित सागर के बीच में था.

बीजेपी-JDU के बीच सीट को लेकर तनातनी

बता दें कि  सूर्यगढ़ा सीट पर 2020 में RJD के टिकट पर प्रह्लाद यादव ने चुनाव जीता था. बाद में बागी होकर उन्होंने  एनडीए की सरकार बनाने में मदद की थी. इस सीट पर जेडीयू और बीजेपी दोनों की नजर थी. लेकिन आपसी सहमति से इसे जेडीयू को दे दिया गया. 

जन सुराज ने अमित सागर को दिया टिकट

यह विधानसभा क्षेत्र तीन प्रखंडों पिपरिया, सूर्यगढ़ा और चानन से मिलकर बना है. भौगोलिक दृष्टि से सूर्यगढ़ा लखीसराय जिला मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है. जन सुराज ने अमित सागर को इस सीट से उम्मीदवार बनाया था, उसे मायूसी हाथ लगी है. 

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सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर कब कौन जीता?

  • सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर 1990 तक कांग्रेस और वाम दलों का दबदबा रहा है.
  • कांग्रेस और सीपीआई दोनों ने इस क्षेत्र में 4-4 बार जीत दर्ज की.
  • 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में यहां आरजेडी के प्रह्लाद यादव ने कांग्रेस के रामानंद मंडल को हराकर चुनाव जीता था.
  • प्रह्लाद यादव इस क्षेत्र के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने सूर्यगढ़ा से कुल 5 बार विधायक का कार्यकाल पूरा किया है.
  • जेडीयू इस सीट पर कभी भी जीत दर्ज नहीं कर सकी, हालांकि, 2005 और 2010 में प्रेम रंजन पटेल ने बीजेपी को इस क्षेत्र में जीत दिलाई थी, जिससे यहां पार्टी की पकड़ बनी.

सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर कितने मतदाता?

सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में साल 2020 में कुल 329176 रजिस्टर्ड मतदाता थे. 2024 के लोकसभा चुनावों में ये बढ़कर 3,62,004 हो गए. यहां 14.77 प्रतिशत अनुसूचित जाति के वोटर्स, 3.5 प्रतिशत मुस्लिम वोटर्स हैं. लेकिन इस सीट पर सबसे ज्यादा प्रभाव यादव समुदाय का है. अहीरों की आवादी यहां 25 प्रतिशत से ज्यादा है. चुनावों में ये समुदाय निर्णायक भूमिका निभाता है. यूर्यगढ़ा पूरी तरह से ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है, जहां कोई शहरी वोटर नहीं है.

सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर चुनावों के वोटिंग प्रतिशत में लगातार वृद्धि देखी जा चुकी है. साल 2015 में 51.96%, 2019 में 55.14% और 2020 में 56.04% तक वोटिंग हुई थी.

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सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र का इतिहास

सूर्यगढ़ा क्षेत्र का इतिहास कहता है कि यह स्थान 1534 में शेरशाह सूरी और हुमायूं के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध का स्थल था. इस युद्ध में शेरशाह सूरी ने हुमायूं को हराकर दिल्ली सल्तनत का शासक बनने में सफलता प्राप्त की थी. इसे ‘सूरजगढ़ा का युद्ध' के नाम से जाना जाता है. इतिहास के साथ-साथ इस क्षेत्र का धार्मिक महत्व भी कम नहीं है. माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने पास की एक पहाड़ी पर तीन साल तक तपस्या की थी, जिससे बौद्ध धर्म का भी यहां प्रभाव रहा है.

इनपुट- IANS के साथ

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