अमित शाह आज भले ताकतवर नेता के रूप में दिख रहे लेकिन.. : RJD नेता शिवानंद तिवारी ने गृह मंत्री पर कसा तंज

शिवानंद तिवारी ने लिखा, "अमित शाह जी बिहार आये और नीतीश कुमार के अतीत की याद दिला गये. अतीत किसका क्या है यह बहस क्यों ! नीतीश जी राष्ट्र धर्म निभा रहे हैं. देश, संविधान और लोकतंत्र को बचाना ही आज का राष्ट्र धर्म है."

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शिवानंद तिवारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा
पटना:

Bihar News: बिहार में राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD)नेता शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने सारण जिले में स्थित जेपी के गांव सिताब दियारा में दिए भाषण को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है. शिवानंद ने अपने फेसबुक पोस्‍ट में लिखा, "अमित शाह जी भले ही आज सत्ता के सहारे ताक़तवर नेता के रूप में दिखाई दे रहे हैं लेकिन हिंदुस्तान के राजनीतिक इतिहास का ज्ञान उनको नहीं है. हो भी तो कैसे ? जिस समय जयप्रकाश जी के नेतृत्व में बिहार का आंदोलन चल रहा था उस समय वे हाफ पैंट वाली उमर में थे. सन् 74 में उनकी उम्र महज 10 वर्ष की थी. इनकी दूसरी सीमा यह रही है कि इनका राजनीतिक प्रशिक्षण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में हुआ है. जहाँ सत्य के अलावा सब कुछ पढ़ाया जाता है."

शिवानंद ने आगे लिखा, "भारत की राजनीति में ग़ैर कांग्रेसवाद के जनक डॉक्टर राममनोहर लोहिया थे. सन् 62-63 में ही डाक्टर लोहिया ने कांग्रेस को परास्त करने के लिए जब नारा दिया था उस समय भारतीय राजनीति पर कांग्रेस का एकाधिकार था. केंद्र से लेकर राज्यों तक में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी. देश का लोकतंत्र कांग्रेस के विशाल बटवृक्ष के नीचे पनप नहीं रहा था. इसलिए देश में स्वस्थ लोकतंत्र की स्थापना के लिए उन्हें देश से कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ना जरूरी लगा था. इसलिए उन्होंने न सिर्फ़ गैर कांग्रेस का नारा दिया था बल्कि एक अद्भुत गठबंधन बनाया. उस गठबंधन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और जनसंघ, जो अब भाजपा है, दोनों शामिल थे. आज कांग्रेस कहां खड़ी है ! लोकसभा में मान्यता प्राप्त विरोधी का स्थान भी उसको प्राप्त नहीं है. दूसरी ओर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कह रहे हैं कि देश की सभी पार्टियां  समाप्त हो जाएँगी. सिर्फ़ भाजपा ही रहेगी. यहीं पटना में ही उन्होंने वह भविष्यवाणी की थी. आज तक उनके उस कथन का स्पष्टीकरण किसी भी कोने से नहीं आया है." 

शिवानंद तिवारी ने लिखा, "अमित शाह जी बिहार आये और नीतीश कुमार के अतीत की याद दिला गये. अतीत किसका क्या है यह बहस क्यों ! नीतीश जी राष्ट्र धर्म निभा रहे हैं. देश, संविधान और लोकतंत्र को बचाना ही आज का राष्ट्र धर्म है. यह जानते हुए भी अपने विरोधी को तोड़ने और समाप्त करने के लिए मोदी और शाह की जोड़ी किसी हद तक जा सकती है, नीतीश जी ने इनके सामने सीना तानकर खड़े होने का फ़ैसला किया इसका देश ने स्वागत किया है.नीतीश कुमार को अतीत की याद दिलाने वाले अमित शाह जी अपना अतीत क्यों भूल जा रहे हैं. आपका अतीत तो ‘तड़ी पार' का है. हां, यह बात हम दावे के साथ कह सकते हैं कि इस मामले में आपके अतीत के सामने नीतीश कुमार का अतीत कहीं नहीं ठहरता है."

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