बिहार चुनाव में करारी हार के बाद से राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव विरोधी ही नहीं, अपनों के भी निशाने पर रहे हैं. तेजस्वी के करीबी संजय यादव और रमीज नेमत की पार्टी में भूमिका को बिहार चुनाव के नतीजों से जोड़ते हुए लगातार हमले हो रहे थे. लेकिन तेजस्वी यादव संजय के खुलकर बचाव में उतरे हैं. आरजेडी की विधायक दल की बैठक में बिना किसी लाग लपेट के उन्होंने कहा कि संजय को कसूरवार ठहराना उचित नहीं है.आरजेडी के 25 सीटों पर सिमटने के बीच बैठक में उन्होंने खुद नेता विपक्ष न बनने का दांव चल दिया, जो काम कर गया.
आरजेडी की बैठक की अंदर की ये जानकारी राजद के एक विधायक ने दी है कि बिहार में आरजेडी विधायक दल की बैठक के दौरान तेजस्वी यादव ने चुनावी हार की जिम्मेदारी लेते हुए नेता बनने से इंकार किया. जबकि लालू यादव और विधायकों के दबाव के बाद उन्होंने नेतृत्व संभालने के लिए मनाकर इस पर अपनी सहमति दी.
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विधायक दल की बैठक में ड्रामा
संजय यादव पर उठे सवालों का भी तेजस्वी ने बचाव किया. बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आरजेडी और लालू परिवार में मचे घमासान के बीच सोमवार को पार्टी विधायक दल की बैठक में खूब ड्रामा हुआ. तेजस्वी यादव ने पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए विधायक दल का नेता बनने से इंकार कर दिया. उन्होंने साफ-साफ कहा कि संजय यादव को निशाना बनाना गलत है.
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लालू और विधायकों का मिला साथ
संजय यादव हार के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. बैठक में तेजस्वी यादव ने नेता प्रतिपक्ष का पद लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, अब मैं पार्टी में एक विधायक रह कर काम करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी को बनाया है. मैं उनके आदेश पर पार्टी का काम संभाल रहा हूं. मैंने इस चुनाव में बहुत कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. इसकी जिम्मेदारी लेते हुए मैं विधायक दल का नेता नहीं बनना चाहता लेकिन लालू और विधायक नहीं माने तो अंत में तेजस्वी यादव ने पार्टी संभालने की कमान पर सहमति दी.














