कन्हैया की पदयात्रा में शामिल होने बिहार जा रहे हैं राहुल गांधी, 4 महीने में तीसरा दौरा; जानें सियासी संदेश

Kanhaiya Kumar Padyatra: बिहार में कांग्रेस 'पलायन रोको, नौकरी दो' पदयात्रा चला रही है. कन्हैया कुमार के नेतृत्व में चल रहे इस पदयात्रा में 7 अप्रैल को राहुल गांधी भी शामिल होंगे.

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राहुल गांधी के साथ कन्हैया कुमार.

Congress Padyatra in Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस 'पलायन रोको, नौकरी दो' पदयात्रा के जरिए राज्य में अपनी खोई सियासी जमीन तलाश रही है. कन्हैया कुमार के नेतृत्व में चल रही यह यात्रा अब बेगूसराय पहुंचने वाली है. जहां 7 अप्रैल को इस पदयात्रा में राहुल गांधी भी शामिल होंगे. राहुल गांधी का यह दौरा बेहद खास है. बीते 4 महीने में यह तीसरा मौका होगा, जब राहुल गांधी बिहार के दौरे पर आएंगे. इससे पहले वो 18 जनवरी तथा चार फरवरी को पटना में आ चुके हैं.

राहुल गांधी की यात्रा को लेकर कांग्रेस का जोश हाई

राहुल गांधी के बेगूसराय आने को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश हाई है. शहर में जगह-जगह राहुल के स्वागत के पोस्टर लगाए गए हैं. अब देखना होगा कि राहुल गांधी और कन्हैया कुमार की यह जोड़ी बिहार में कांग्रेस के लिए नई कहानी लिख पाती है या नहीं. 

कन्हैया के साथ 3 किमी पैदल चलेंगे राहुल गांधी

मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी 7 अप्रैल को बेगूसराय में ना केवल पलायन रोको नौकरी दो यात्रा में शामिल होंगे, बल्कि वो कन्हैया के साथ करीब 3 किलोमीटर पदयात्रा कर लोगों से मुलाकात भी करेंगे. साथ ही लोगों की समस्याओं को लेकर बात भी करेंगे.

कल रामनवमी के कारण स्थगित रहेगी यात्रा

कांग्रेस की यह पदयात्रा आज देर रात तक बेगूसराय के आईटीआई मैदान में पहुंच जाएगा. कल रामनवमी की वजह से पदयात्रा स्थगति रहेगी और 7 अप्रैल की सुबह आईटीआई मैदान से यह पदयात्रा शुरू होगी. इस यात्रा में लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल होंगे. इसको लेकर जोर शोर से तैयारी की जा रही है और शहर में जगह-जगह बैनर पोस्टर लगाए गए हैं.

राहुल के बिहार दौरे से निकल रहे कई सियासी संदेश

राहुल गांधी के बिहार दौरे से कई सियासी संदेश भी निकल रहे हैं. एक तो यह कि कांग्रेस इस बार बिहार में अपने आप को मजबूत करने की पूरजोर कोशिश कर रही है. माना जाता है कि तेजस्वी कन्हैया को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहते. लेकिन इसके बाद भी राहुल गांधी का कन्हैया की पदयात्रा में शामिल होना, यह स्पष्ट संदेश है कि कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव लडे़गी. राहुल की इस यात्रा से कांग्रेस संगठन को भी मजबूती मिलेगी. 

ITI मैदान से दिनकर की प्रतिमा तक 14 किमी की यात्रा

पोस्टर में जन्मभूमि को कर्मभूमि बनाना है और राहुल गांधी के साथ कन्हैया की बड़ी तस्वीर लगाई गई है. यह पदयात्रा शहर के आईटीआई मैदान से शुरू होकर  शहर का भ्रमण करते एन एच 31 के रास्ते करीब 14 किलोमीटर पदयात्रा करते हुए जीरो माइल राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रतिमा के समक्ष समाप्त होगी.

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उलाव हवाई अड्डे पर उतरेंगे राहुल गांधी

राहुल गांधी उलाव हवाई अड्डा पर हेलीकॉप्टर से पंहुचेंगे और पदयात्रा में शामिल होंगे. शहर भर में राहुल गांधी का स्वागत करते हुए बैनर लगाए गए हैं. साथ ही जन्मभूमि को कर्मभूमि बनाना है के पोस्टर भी लगाए गए हैं. 

कांग्रेस को मजबूत करना हमारा लक्ष्यः संयोजक

पदयात्रा को लेकर कार्यक्रम संयोजक रजनीकांत पाठक ने कांग्रेस भवन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ एक बड़ी बैठक की और तैयारी को लेकर चर्चा की. बैठक के बाद रजनीकांत पाठक ने कहा कि पश्चिम चंपारण के भितरवा से 16 मार्च से यह पदयात्रा पलायन रोकने के कन्हैया कुमार के द्वारा शुरू की गई है और बेगूसराय में यात्रा ऐतिहासिक होगी, क्योंकि इस यात्रा में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल होंगे.

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पलायन बिहार की मुख्य समस्याः कांग्रेस

कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार में मुख्य समस्या पलायन का है, लोग रोजी रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं, इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के कन्हैया कुमार सहित अन्य नेता पदयात्रा कर रहे हैं. राहुल गांधी इस पदयात्रा में शामिल होंगे और लोगों से समस्याओं को लेकर बातचीत भी करेंगे.

आज खगड़िया जिले में थी कांग्रेस की पदयात्रा

बताते चले कि शनिवार को कांग्रेस की यात्रा खगड़िया जिले में थी. आज रात बेगूसराय आईटीआई मैदान पहुंचेगी, जहां पर रात्रि विश्राम होगा और कल रामनवमी की छुट्टी के मौके पर यात्रा स्थगित रहेगी और 7 अप्रैल को फिर यह यात्रा शुरू की जाएगी.

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कन्हैया को लेकर लगे 'जन्मभूमि को कर्मभूमि बनाना है' के पोस्टर

जन्मभूमि को कर्मभूमि के पोस्टर पर कांग्रेस नेता ने कहा कि बेगूसराय कन्हैया कुमार की जन्मभूमि है और पलायन रोकने के लिए वो बिहार को कर्मभूमि बना रहे हैं. 1990 से पहले कांग्रेस का शासन था तो उस समय वक्त शिक्षा की हालत बेहतर थी और पलायन कम था. अब बेरोजगारी की वजह से पलायन बढ गया है.

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