लोकजनशक्ति पार्टी में फूटे बगावती बिगुल के बीच पशुपति कुमार पारस को सर्वसम्मति से लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) संसदीय दल का नेता चुना गया है. इस संबंध में कल (रविवार) दिल्ली में संसदीय दल की बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में फैसला लिया गय़ा कि पार्टी के लिए नए अध्यक्ष का चुनाव जरूरी है. इसके बाद वहां मौजूद सभी नेताओं ने यह तय किया कि पशुपति कुमार पारस पार्टी के संसदीय़ दल (लोकसभा) के नेता होंगे. इसके अलावा चौधरी महबूब अली कैसर को उपनेता चुना गया. चंदन सिंह को पार्टी का मुख्य सचेतक बनाया गया और यह सूचना लोकसभा स्पीकर को भी दी जा चुकी है.
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पारस के पत्रकारों से बात करने के बाद चिराग पासवान राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनके चाचा के आवास पर उनसे मिलने पहुंचेय कार में कुछ देर इंतजार करने के बाद उन्हें अंदर जाने दिया गया। हालांकि पारस वहां मौजूद नहीं थे। पासवान के रिश्ते के भाई एवं सांसद प्रिंस राज भी इसी आवास में रहते हैं. सूत्रों ने बताया कि असंतुष्ट LJP सांसदों में प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महबूब अली कैसर शामिल हैं, जो चिराग के काम करने के तरीके से नाखुश हैं. 2020 में पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा का कार्यभार संभालने वाले चिराग अब पार्टी में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं.
उनके करीबी सूत्रों ने जनता दल (यूनाइटेड) को इस बंटवारे के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पार्टी लंबे समय से लोजपा अध्यक्ष को अलग-थलग करने की कोशिश कर रही थी क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जाने के चिराग के फैसले से सत्ताधारी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा था.
इनपुट एजेंसी भाषा से भी
पार्टी तोड़ी नहीं बचाई : LJP में फूट पर पशुपति पारस