बुरे फंसे पप्पू यादव‘ : सहयोगी’ ने ही लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य बनकर दी थी धमकी, गिरफ्तार

पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के. शर्मा ने बताया कि आरोपी पहले पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी (जेएपी) से जुड़ा था. यादव ने अपनी पार्टी का लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में विलय कर दिया था. पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. (पंकज भारतीय की रिपोर्ट)

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नई दिल्ली:

बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव को लगातार मिल रही धमकियों के पीछे कौन है? क्या गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पप्पू यादव के तंज को दिल से लगाकर वाकई उनके पीछे पड़ा है. इस मामले में अब नया ट्विस्ट आया है. दो दिन पहले पप्पू यादव को मिली धमकी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. भोजपुर से धमकी वाला वीडियो मेसेज भेजने वाले रामबाबू को पूर्णिया पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ की, तो उसने सारा सच उगल दिया. एसपी कार्तिकेय शर्मा के मुताबिक रामबाबू का लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कोई कनेक्शन नहीं है. वह पप्पू यादव का ही समर्थक है. वह उनकी जन अधिकार पार्टी का कार्यकर्ता रह चुका है.  

आरोपी राम बाबू यादव ने कथित तौर पर पप्पू यादव को एक वीडियो कॉल कर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को ‘खत्म' करने की धमकी देने वाले उनके (पप्पू यादव) पोस्ट के लिए लॉरेंस बिश्नोई से माफी मांगने के लिए कहा था. राम बाबू यादव को भोजपुर जिले में उसके पैतृक स्थान से गिरफ्तार किया गया.

पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के. शर्मा ने बताया कि आरोपी पहले पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी (जेएपी) से जुड़ा था. यादव ने अपनी पार्टी का लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में विलय कर दिया था. पप्पू यादव ने पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

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शर्मा ने बताया, ‘‘पूर्णिया पुलिस ने राम बाबू यादव की ‘लोकेशन' की निगरानी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उसका किसी गिरोह से कोई संबंध नहीं है. वह पहले जेएपी से जुड़ा हुआ था. उसने कबूल किया है कि उसने सांसद से जुड़े कुछ लोगों के निर्देश पर ही पप्पू यादव को धमकी भरे संदेश भेजे थे.''

उन्होंने बताया कि आरोपी राम बाबू ने दावा किया कि उसे सांसद के लिए धमकी भरा वीडियो बनाने और उनके व्हाट्सएप नंबर पर भेजने के लिए 2000 रुपये मिले थे. एसपी ने बताया कि उसने पूछताछ में यह भी बताया कि पहले से बना एक और धमकी भरा वीडियो भेजने के बाद उसे सांसद से जुड़े लोगों से दो लाख रुपये और कुछ राजनीतिक पद मिलने वाला था. एसपी ने बताया कि पुलिस ने मकसद जानने के लिए राम बाबू यादव से पूछताछ की.

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शर्मा ने बताया, “पुलिस को पूछताछ के दौरान आरोपियों द्वारा किए गए दावों की पुष्टि करने वाला कोई सबूत नहीं मिला है. मामले की आगे जांच की जा रही है.” वहीं पप्पू यादव ने पुलिस के इस खुलासे पर कहा हैं कि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं .

 

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