बिहार : शहीद अंकित यादव का पार्थिव शरीर आज पहुंचेगा नवगछिया, परिवार को शहादत पर है गर्व

अंकित का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम तक पटना एयरपोर्ट पहुंच चुका है और शुक्रवार, 15 अगस्त 2025 को लगभग 12 बजे सड़क मार्ग से भागलपुर होते हुए नवगछिया लाया जाएगा. हालांकि, रंगरा प्रखंड और चापर गांव इस समय भीषण बाढ़ की चपेट में हैं, जिसके कारण सड़कों पर पानी भरा है.

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  • भागलपुर जिले के नवगछिया प्रखंड के चापर गांव के हवलदार अंकित यादव ने उरी सेक्टर में देश के लिए शहीद हो गए.
  • अंकित की शहादत से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने में सफलता मिली.
  • शहीद का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पहुंच चुका है और स्वतंत्रता दिवस को गांव में अंतिम संस्कार होगा.
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पटना:

बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया, रंगरा प्रखंड के चापर गांव निवासी हवलदार अंकित यादव ने उत्तरी कश्मीर के उरी सेक्टर में घुसपैठियों को खदेड़ते हुए देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी. बुधवार तड़के नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) की घुसपैठ की कोशिश को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया. इस दौरान हुई गोलीबारी में अंकित यादव शहीद हो गए, लेकिन उनकी बहादुरी ने घुसपैठियों को भागने पर मजबूर कर दिया.

बाढ़ की चुनौती: शहीद का पार्थिव शरीर कैसे पहुंचेगा गांव?

अंकित का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम तक पटना एयरपोर्ट पहुंच चुका है और शुक्रवार, 15 अगस्त 2025 को लगभग 12 बजे सड़क मार्ग से भागलपुर होते हुए नवगछिया लाया जाएगा. हालांकि, रंगरा प्रखंड और चापर गांव इस समय भीषण बाढ़ की चपेट में हैं, जिसके कारण सड़कों पर पानी भरा है. ऐसे में उनके पार्थिव शरीर को गांव तक पहुंचाने में प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है. शहीद की पत्नी रूबी कुमारी, उनके दो बेटे और परिजन बाढ़ के पानी को नाव से पार करके किसी तरह घर पहुंचे हैं. परिवार में एक ओर शहीद के निधन का गम है, तो दूसरी ओर उनकी शहादत पर गर्व भी है.

अंकित यादव: सेना में भर्ती से शहादत तक का सफर

2009 में बिहार रेजिमेंट में भर्ती हुए अंकित यादव अपने पीछे पत्नी रूबी कुमारी, दो बेटे, माता-पिता और एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं. उनके तीनों भाई भी सेना में रह चुके हैं. एक महीने पहले ही अंकित गांव आए थे और कुछ दिन रुककर ड्यूटी पर लौट गए थे. चार दिन पहले उन्होंने अपनी पत्नी के वोटर कार्ड के बारे में बात की थी, और घटना से एक दिन पहले अपने बड़े भाई निरंजन कुमार, जो पूर्व सैनिक हैं, से उनकी आखिरी बात हुई थी.

गांव में शोक, शहादत पर गर्व

चापर गांव में शोक की लहर है. ग्रामीणों के अनुसार, अंकित बेहद मिलनसार थे और युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते थे. उनके पिता, माता और पत्नी सदमे में हैं और कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं. ग्रामीण लक्ष्मी नारायण और वार्ड सदस्य मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि अंकित की शहादत ने गांव को गर्व से भर दिया है, लेकिन उनका जाना अपूरणीय क्षति है.

15 अगस्त को होगा अंतिम संस्कार

देश की 79वीं स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शहीद अंकित यादव का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. प्रशासन बाढ़ की स्थिति को देखते हुए उनके पार्थिव शरीर को गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था में जुटा है. शहीद अंकित यादव की बहादुरी और बलिदान को नमन करते हुए पूरा गांव और देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है.

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