तेजप्रताप यादव के धरना देने की धमकी के बाद लालू प्रसाद यादव आखिरकार रविवार की शाम को उनके घर पहुंचे. हालांकि वे गाड़ी से नहीं उतरे. तेजप्रताप ने उनके आने के खबर पुष्ट होने के बाद पहले झाड़ू से रास्ता साफ किया. उन्होंने लालू यादव के पहुंचने पर उनके दूध से पैर धोने की कोशिश की लेकिन लालू के मना करने पर तेजप्रताप ने उनके पानी से पैर धोए. लालू यादव के साथ राबड़ी देवी भी तेजप्रताप के घर पहुंचीं लेकिन वे भी कार से नहीं उतरीं.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) के परिवार में उनके दोनों बेटों, उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के बीच वर्चस्व की लड़ाई छिड़ी है. हालांकि, ये बात किसी से छिपी नहीं कि जहां तक नेतृत्व का सवाल है, इस मुद्दे को लालू यादव ने तेजस्वी यादव के पक्ष में पांच वर्ष पूर्व ही तय कर दिया था.
लालू यादव के इस फ़ैसले को सबने यहां तक कि उनके विरोधियों ने भी मान लिया, ख़ासकर पिछले विधानसभा चुनाव में जितना बेहतर प्रदर्शन तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन का रहा, उसके बाद तो ये चर्चा का विषय भी नहीं रहा लेकिन इस सच को पार्टी नेताओं की मानें तो तेजप्रताप यादव पचा नहीं पा रहे. वे भले अपने आप को कृष्ण और तेजस्वी को अपना अर्जुन बताते हों लेकिन उनके मन में ये टीस हमेशा रहती है कि पार्टी में उनको भाव नहीं मिलता.
राष्ट्रीय जनता दल के विधायकों की मानें तो तेजप्रताप में लालू यादव का बेटा होने के अलावा कोई भी एक गुण नहीं है और ख़ासकर उनका सार्वजनिक जीवन में जैसा व्यवहार होता है कि कभी वो कृष्णा भक्त बन जाते हैं तो कभी शिव भक्त, उससे समाज में उनकी काफ़ी हास्यास्पद छवि बनी है. रही सही कसर उनका अपनी पत्नी से चला विवाद है. इसके बाद पार्टी में कोई नेता उनके साथ एक सेल्फ़ी भी नहीं लेना चाहता.