- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार के लिए 82.4 KM मोकामा-मुंगेर ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड रोड को मंजूरी दी है
- मोकामा-मुंगेर रोड सेक्शन 4-लेन का होगा और बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर का अहम हिस्सा बनेगा
- भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए ₹3169 करोड़ की मंजूरी दी गई है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनावी साल में बिहार के लिए दो बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनसे राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार होगा. मंत्रिमंडल ने 82.4 किमी लंबे 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड मोकामा-मुंगेर सेक्शन के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. यह नया सेक्शन हाई-स्पीड बक्सर-भागलपुर कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा.
इस परियोजना की कुल लागत ₹4,447.38 करोड़ है और इसे हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत बनाया जाएगा. इससे दक्षिणी बिहार की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रा समय में लगभग 1 घंटे की कमी आएगी.
भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे लाइन का दोहरीकरण
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे लाइन के दोहरीकरण (डबलिंग) को भी मंजूरी दी है. यह 177 किलोमीटर लंबी लाइन बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ेगी. इस परियोजना पर ₹3169 करोड़ की लागत आएगी. इस लाइन के दोहरीकरण से यात्री और मालगाड़ियों की आवाजाही न केवल तेज और सुविधाजनक होगी, बल्कि इससे इन क्षेत्रों के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे लाइन का दोहरीकरण
- परियोजना का विवरण: 177 किलोमीटर लंबी सिंगल रेलवे लाइन को डबल लाइन में बदला जाएगा.
- लागत: इस परियोजना पर कुल ₹3,169 करोड़ खर्च होंगे.
- लाभ:
- लगभग 441 गाँवों और 28.72 लाख लोगों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी.
- बांका, गोड्डा और दुमका जैसे तीन आकांक्षी जिलों को लाभ होगा.
- रेलवे खंड पर भीड़भाड़ कम होगी और परिचालन में आसानी होगी.
- देवघर (बाबा बैद्यनाथ धाम) और तारापीठ (शक्ति पीठ) जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक पहुँच आसान होगी, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सुविधा मिलेगी.
बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर का मोकामा-मुंगेर खंड
- परियोजना का विवरण: बिहार में 82.400 किलोमीटर लंबे 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस-नियंत्रित मोकामा-मुंगेर खंड का निर्माण किया जाएगा. यह बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर का हिस्सा है.
- लागत: इस परियोजना की कुल पूंजीगत लागत ₹4,447.38 करोड़ है.
- लाभ:
- यात्रा का समय लगभग 1.5 घंटे कम हो जाएगा.
- यह खंड दक्षिणी बिहार में सड़क संपर्क को बेहतर बनाएगा.
- यह परियोजना क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देगी.