बिहार चुनाव से पहले पीएम मोदी की एक और सौगात, गंगा पुल से होगी पटना और बेगूसराय की डायरेक्ट कनेक्टिविटी

ये पुल केवल यातायात का नहीं बल्कि संस्कृति को जोड़ने वाला सेतु भी है. इसके माध्यम से सिमरिया धाम तक पहुंच आसान होगी, ये एक प्रमुख तीर्थस्थल है,

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

22 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी बिहार को एक बड़ा तोहफा देने जा रहे हैं. पीएम औंटा (मोकामा) से सिमरिया (बेगूसराय) के बीच बने गंगा पुल के 6 लेन का उद्घाटन करेंगे. ये पुल राष्ट्रीय राजमार्ग-31 का हिस्सा है, जिसकी कुल लम्बाई 1.86 किमी है. इसके उद्घाटन से बिहार में कनेक्टिविटी और यात्रा करने में आसानी होगी. 

नए पुल से कम होगी अतिरिक्त दूरी

अब तक उत्तर और दक्षिण बिहार में वाहनों को पुराने राजेंद्र सेतु से होकर जाना पड़ता था. पुराना होने की वजह से ये पुल अब मरम्मत की स्थिति में है और इसके कारण उस पर भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित है, जिससे वाहनों को 80 से 100 किमी की दूरी ज्यादा तय करनी पड़ती है. नये पुल के बनने से भारी वाहनों की अतिरिक्त दूरी घट जाएगी. इससे न सिर्फ यात्रा में समय बचेगा बल्कि ईंधन की खपत और वाहनों की संचालन लागत में भी कमी आएगी.

स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा

ये पुल सीधे तौर पर आर्थिक दृष्टि और उद्योग को गति के उद्देश्य से बनाया गया है. उत्तर बिहार के जिले – बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी, अररिया और दक्षिण बिहार के जिले – पटना, लखीसराय, नालंदा, नवादा, शेखपुरा के बीच यातायात तेज और सुगम होगा. कम दूरी और बेहतर कनेक्टिविटी से माल परिवहन में तेजी आएगी, जिससे गतिविधियां बढ़ेंगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा.

संस्कृति को जोड़ने वाला सेतु

ये पुल केवल यातायात का नहीं बल्कि संस्कृति को जोड़ने वाला सेतु भी है. इसके माध्यम से सिमरिया धाम तक पहुंच आसान होगी, ये एक प्रमुख तीर्थस्थल है, जहां प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह 'दिनकर' का जन्म हुआ था. औंटा-सिमरिया गंगा पुल आधुनिक इंजीनियरिंग का एक उदाहरण है. अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित ये पुल मजबूती और टिकाऊपन का प्रतीक है. 

इस सेतु की विशेषताएं

• लंबाई: 8.15 किमी
• अनुमानित लागत: ₹1871 करोड़
• स्पैन की संख्या: 18
• परियोजना का दायरा: गंगा नदी पर 6 लेन का पुल, 4 लेन अप्रोच सहित
• नींव विवरण: वृत्ताकार कुआं, गहराई 50 मीटर, व्यास 12 मीटर
• पुल का प्रकार: 6 लेन एक्स्ट्रा डोज्ड ब्रिज
• अप्रोच की लंबाई: 6.285 किमी

'बहुत मुश्किल से बना ये पुल'

एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी एम.एल.योएटकर ने कहा, "निर्माण के दौरान टीम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. ये एक नीची जमीन वाला क्षेत्र है, जहां हर साल बाढ़ आती है. बाढ़ के कारण हर साल केवल 7 से 8 महीने ही निर्माण कार्य संभव हो पाता है. यही बाढ़ स्थानीय लोगों की जिंदगी भी मुश्किल बना देती है और उनके आवागमन को सीमित करती है. लेकिन, अब ये पुल लोगों के लिए राहत लेकर आएगा.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi CM Rekha Gupta Attack News: CM रेखा गुप्ता पर हुए हमले पर Kapil Mishra ने क्या कहा?