- बिहार चुनाव में महिला वोटरों को रिझाने की कोशिश में दोनों प्रमुख गठबंधन लगे हुए हैं.
- नीतीश सरकार ने लगभग एक करोड़ 21 लाख महिलाओं के खातों में दस हजार रुपए सीधे भेजने की योजना शुरू की है.
- तेजस्वी ने जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा, 30 हजार रुपये मंथली वेतन देने का वादा किया है.
Female Voters in Bihar Elections: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनावी रण सज चुका है. NDA हो या महागठबंधन अपने-अपने तरीके से जनता को लुभाने के प्रयास में लगी है. लेकिन दोनों गठबंधन में एक चीज सामान्य है कि उनकी नजर आधी आबादी पर है और वे अपने-अपने ढंग से उनको अपनी ओर लाना चाहते हैं. नीतीश कुमार 20 साल से बिहार के सरताज 20 बने हुए हैं. इसके पीछे आधी आबादी की बड़ी भूमिका रही है. नीतीश कुमार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इनको अपनी ओर आकृष्ट किया है, चाहे वह शराबबंदी हो या जीविका दीदियों के लिए गए काम या लड़कियों के लिए साइकिल योजना हो.
'महिला और मनी' बिहार चुनाव का बड़ा फैक्टर
चुनाव में दोनों गठबंधन अलग-अलग मुद्दे पर पर आम आवाम को अपने ओर ध्यान आकृष्ट कर रही है. चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा M2 (डबल M) बनता हुआ दिख रहा है, यानी महिला और मनी. बिहार में तकरीबन 3.41 करोड़ महिला मतदाता है, जिसमें 1.36 करोड़ जीविका दीदी है. ऐसे देखे तो तकरीबन आधी आबादी की कुल संख्या का 40%.. करीब-करीब एक करोड़ 21 लाख महिलाओं के अकाउंट में डायरेक्ट 10 हजार रुपए भेजना चुनावी मौसम में नीतीश कुमार मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा हैं.
मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत परिवार की एक महिला सदस्य को ₹10000 देने की योजना हैं. महिलाओं को यह राशि लौटानी भी नहीं है. 6 महीने के बाद इसका आकलन किया जाएगा और फिर ₹200000 की और मदद देने की सरकार ने घोषणा की है.
1.21 करोड़ महिलाओं के खाते में 10 हजार
2020 के विधानसभा चुनाव में NDA को लगभग 1 करोड़ 57 लाख वोट आए थे. इस बार सरकार ने 1 करोड़ 21 लाख महिलाओं के अकाउंट में डायरेक्ट 10 हजार भेजना कही न कही NDA के तरफ से गेमचेंजर माना जा रहा है. पिछले कई चुनावों के परिणामों का विश्लेषण देखें चाहे मध्य प्रदेश हो, झारखंड हो या महाराष्ट्र हो इस प्रकार की योजना सरकार के वापसी का मार्ग प्रदर्शित करती हैं यदि तेलंगाना आंध्रप्रदेश को छोड़ दें तो.
कौन हैं ये जीविका दीदी, जिस पर दोनों गठबंधन की नजर
जीविका योजना दअरसल बिहार सरकार द्वारा चलाई गई एक योजना है. इस योजना की शुरुआत करीब 2006 में शुरू की गई थी, जिसे विश्व बैंक के मदद से बिहार ग्रामीण आजीविका मिशन (Bihar Rural Livelihoods Mission - BRLM) के तहत चलाया जाता है. इस योजना के जरिए महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाता हैं और इस योजना से जुड़ी महिलाओं को जीविका दीदी कहा जाता है. तकरीबन 1.36 करोड़ महिला सीधे इस योजना से जुड़ी हुई है.
नीतीश कुमार के इस मास्टरस्ट्रोक के काउंटर में तेजस्वी यादव ने महिलाओं के लिए घोषणा की है, उससे पूरे राजनैतिक गलियारों से लेकर NDA खेमा में भी चर्चा का विषय बना हुआ है. तेजस्वी के तरफ से महिला वर्ग को साधने के लिए माई बहन योजना के बाद एक करोड़ 36 लाख जीविका दीदियों के लिए बड़ी घोषणा कही न कही नीतीश कुमार के 10 हजार वाली स्कीम का काट देखा जा रहा है.
तेजस्वी का वादा- जीविका दीदियों की 30 हजार सैलरी, सरकारी कर्मी का दर्जा
- पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने हर घर में सरकारी नौकरी देने के वादे के बाद अब जीविका दीदियों को लेकर बड़ा ऐलान किया है.
- तेजस्वी यादव ने ऐलान किया है कि चुनाव जीतने के बाद जीविका दीदियों को हर महीने 30 हजार रुपये सैलरी दी जाएगी. इसके साथ ही जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा.
- तेजस्वी यादव ने कहा कि जीविका दीदियों का पांच लाख का बीमा भी कराया जाएगा और उन्हें साथ में उन्हें दो हजार रुपया भत्ता दिया जाएगा.
- जीविका दीदियों द्वारा लिए गए सभी ऋण के ब्याज को माफ कर दिया जाएगा. बेटी योजना और माई योजना लाया जाएगा. जन्म से लेकर इनकम दिलाने तक सरकार मदद करेगी.
- अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को मानदेय दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की सभी संविदा कर्मियों की सेवा स्थाई की जाएगी. तेजस्वी ने कहा कि हम जो घोषणा कर रहे हैं, उसे हर कीमत पर पूरा करेंगे.
तेजस्वी ने यह भी कहा कि जीविका दीदियों का जितना शोषण हुआ है, कहा नहीं जा सकता. उन्होंने आरोप लगाया कि जीविका दीदियों को सरकार की ओर से शोषण किया गया. जीविका दीदियों की बात सुनकर अध्ययन किया और घोषणा कर रहे हैं.
ऐसी घोषणा करके तेजस्वी यादव सीधे 1 करोड़ 36 लाख जीविका दीदी के माध्यम से आदि आबादी को साधना चाहते हैं. इसका कितना फायदा कितना महागठबंधन और तेजस्वी को होगा यह विधान चुनाव के नतीजे ही तय करेंगे.
एमपी, झारखंड, महाराष्ट्र में महिलाओं ने कराई सरकार की वापसी
यदि पीछे कई चुनावों के परिणाम का विश्लेषण करें तो यह देखा गया है इस प्रकार की योजना सरकार की वापसी का रास्ता खोलते है. राजनैतिक पंडित इसे मास्टरस्ट्रोक तक कहते हैं. मध्य प्रदेश में लाडली बहन योजना झारखंड मईया सम्मान योजना, महाराष्ट्र में लाडकी बहन योजना सरकार वापसी में कितने बड़े कारण बने, यह कहने की जरूर नहीं है. हालांकि इसके अपवाद भी है जैसे तेलंगाना और आंध्रप्रदेश.
कई बड़े डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के बाबजूद वहां की विगत सरकार की वापसी नहीं हो पाई. लेकिन एक ट्रेंड समझने की जरूरत है कि आम आवाम वर्तमान सरकार जो अभी दे रही है उसने अधिक विश्वास दिखाती है वनस्पित जो पार्टी सत्ता में आने के बाद देने की बाद करती है. देखना दिलचस्प होगा कि आम आवाम खासकर आधी आबादी किसके भरोसे को सिर माथे लेती है, किसको ताज देती है और किसको बेताज करती है.
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