- नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट ने डोमिसाइल नीति को लागू करने का निर्णय लिया
- नई नीति के तहत शिक्षक नियुक्ति में 98 प्रतिशत नौकरियां बिहार के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होंगी
- यह डोमिसाइल नीति शिक्षक पात्रता परीक्षा TRE-4 से प्रभावी होगी, जिसका आयोजन वर्ष 2025 में किया जाएगा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 36 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगाई गई. इस बैठक का सबसे बड़ा फैसला शिक्षा विभाग में डोमिसाइल नीति लागू करने का रहा, जिसके तहत अब शिक्षक नियुक्ति में 98% नौकरियां बिहार के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होंगी. यह नीति शिक्षक पात्रता परीक्षा (TRE-4) से लागू होगी, जिसका आयोजन 2025 में होगा.
नीतीश कैबिनेट ने इस डोमिसाइल नीति को शिक्षा विभाग में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाने के लिए लागू किया है. इसके तहत केवल बिहार के मूल निवासी ही आरक्षित श्रेणी में शिक्षक पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे. सरकार का दावा है कि यह नीति स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगी और बिहार की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेगी. कैबिनेट ने इस नीति को सर्वसम्मति से पारित किया, और इसे TRE-4 परीक्षा से प्रभावी करने का निर्णय लिया गया.
इसके अलावा, कैबिनेट ने 35 अन्य एजेंडों पर भी चर्चा की और कई विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी, हालांकि डोमिसाइल नीति सबसे ज्यादा चर्चा में रही. विपक्ष ने इस नीति का स्वागत किया है, लेकिन कुछ नेताओं ने इसे लागू करने में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग की है. नीतीश सरकार का यह कदम बिहार में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नया अध्याय शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
ये भी पढ़ें- : 'वो तय नहीं कर सकते कि सच्चा भारतीय कौन है...' प्रियंका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर दिया जवाब