बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar)के लिए राहत की ख़बर यह हैं कि अब भाजपा के वरिष्ठ सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi) राज्यपाल से मगध विश्वविद्यालय के विवादास्पद कुलपति को हटाने की मांग कर रहे हैं. माना जा रहा हैं कि राजभवन और राज्यपाल के संरक्षण के कारण कुलपति राजेंद्र प्रसाद अपने पद पर बरकरार हैं. सुशील मोदी ने एक बयान में कहा कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद, जिनके यहां निगरानी छापे में करोड़ों रुपये की नकदी मिली और जिन पर 30 करोड़ से ज्यादा की अनियमितता के आरोप हैं, को पटना उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत याचिका रद्द किए जाने के बाद अविलंब बर्खास्त किया जाना चाहिए.
सुशील मोदी के अनुसार, प्रसाद झूठी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पिछले 6 माह से छुट्टी पर चल रहे हैं और ऐसे भ्रष्ट कुलपति के पद पर बने रहने से शिक्षा जगत कलंकित हो रहा है. उन्होंने कहा कि राजेंद्र प्रसाद की मदद करने के लिए जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलसचिव रवि प्रकाश बबलू, जिन पर निगरानी थाना कांड संख्या 15/2010 में भ्रष्टाचार के मामले में आरोप-पत्र समर्पित है, को मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है. इसी तरह कुलपति के भ्रष्टाचार के मामले में मुख्य गवाह, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर भृगुनाथ प्रसाद का कल मुख्यालय गया से औरंगाबाद तबादला कर दिया गया. भृगुनाथ प्रसाद ने कहा था कि उन पर कुलपति के लोगों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है.
गौरतलब है कि कल ही हाईकोर्ट के आदेश में भृगुनाथ प्रसाद के आरोप का जिक्र था. राज्यसभा सांसद मोदी ने कहा किनिगरानी ब्यूरो ने 26 नवंबर, 2021 को राज्यपाल को पत्र लिखकर उनके निजी सचिव विजय सिंह और लखनऊ के अतुल श्रीवास्तव सहित 27 लोगों पर भ्रष्टाचार से जुड़े आपराधिक मामले में अनुमति मांगी थी, परंतु आज तक वह अनुमति नहीं मिली है. इससे बिहार की उच्च शिक्षा की छवि खराब हो रही है.
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