ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जिस तरह से शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया, उसे स्कूली बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए. इसकी मांग भारत के कई राज्यों में हो रही है. उत्तराखंड में तो मदरसा बोर्ड ने यह फैसला कर लिया है कि वहां के मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पढ़ाया जाएगा. अब बिहार से भी ऐसी ही मांग उठने लगी है. बिहार के कई मंत्रियों ने यह मांग उठाई है. मंत्री की मांग में जदयू भी सुर में सुर मिला रही है. राज्य में सामने चुनाव है तो इस मामले का और तूल पकड़ना लगभग तय है.
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने लिया फैसला- सभी मदरसों में ऑपरेशन सिंदूर पठाया जाएगा
दरअसल उत्तराखंड के मदरसों में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पढ़ाया जाएगा. यह फैसला उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने लिया है. यह मांग अब बिहार में भी उठने लगी है कि यहां भी मदरसों में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पढ़ाया जाए. बिहार सरकार के नीरज सिंह बबलू ने यह मांग उठाई है.
बिहार में भाजपा कोटे के मंत्री ने की मांग
नीरज कुमार बबलू ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जिस तरह के पराक्रम और शौर्य का परिचय दिया, उसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. बिहार के स्कूलों, मदरसों और संस्कृत विद्यालयों में भी ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए.
नीरज सिंह बबलू की मांग का अन्य मंत्रियों ने किया स्वागत
नीरज सिंह बबलू की इस मांग का बिहार के मंत्रियों ने स्वागत किया है. क्योंकि ये सीधा सेना के पराक्रम से जुड़ा हुआ है. इनका मानना है कि चाहे विद्यालय उर्दू हो या संस्कृत, हर बच्चों को यह जानना जरूरी है. इससे बच्चों को देश के सैनिकों के बलिदान और शौर्य के बारे में पता चलेगा.
जदयू ने भी दिया समर्थन
राज्य की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने भी इस मामले में सुर में सुर मिला दिया है. जेडीयू मानती है कि शिक्षा संविधान के समवर्ती सूची में केंद्र और राज्य को अपना-अपना अधिकार प्राप्त है इस लिए इसे मदरसा और संस्कृत विद्यालय, वेद विद्यालय के पह्यक्रम में शामिल किया जाए.
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के निर्णय को सराहते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार भी इस दिशा में कदम उठाती है, तो यह एक स्वागतयोग्य फैसला होगा. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि सेना के पराक्रम पर राजनीति करना उचित नहीं है.
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