बिहार: विधान परिषद चुनाव के नतीजों से नीतीश, तेजस्‍वी और बीजेपी में से कोई भी खुश नहीं!

न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, न बिहार बीजेपी के किसी वरिष्‍ठ नेता और न ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने परिणामों पर प्रतिक्रिया दी है जो इस बात का प्रमाण हैं कि चुनाव परिणाम उनकी उम्मीद के प्रतिकूल रहे और वो इसका राजनीतिक विश्लेषण करने से बचेंगे.

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नीतीश की जेडीयू ने 5 और तेजस्‍वी की आरजेडी ने 6 सीटों पर जीत हासिल की है
पटना:

Bihar MLC Election Results: बिहार में विधान परिषद के 24 सीटों के परिणाम गुरुवार देर शाम तक आ गए और NDA तेरह सीटों पर जीत हासिल कर अपनी लाज बचाने में कामयाब रहा. इसके बावजूद परिणाम से बिहार की राजनीति के तीन प्रमुख दल-भाजपा , जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल में उदासी है. न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, न बिहार बीजेपी के किसी वरिष्‍ठ नेता और न ही विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने परिणामों पर प्रतिक्रिया दी है जो इस बात का प्रमाण हैं कि चुनाव परिणाम उनकी उम्मीद के प्रतिकूल रहे और वो इसका राजनीतिक विश्लेषण करने से बचेंगे.

हालांकि इन चुनाव में धनबल जीत का सबसे मज़बूत या एकमात्र आधार होता हैं लेकिन भाजपा जो 12 सीटों पर  मैदान में थी उसे 7 सीटों पर जीत मिली.  मतलब यह कि उसे शेष 5 सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा. सहयोगी नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के 11 प्रत्याशी मैदान में थे, जेडीयू के मात्र पांच प्रत्याशी जीते जिसमें मुज़फ़्फ़रपुर से दिनेश सिंह और भोजपुर से राधा चरण सेठ जैसे विजेता रहे जिन्होंने चुनाव का सारा प्रबंधन अपने कंधे पर रखा था.एनडीए के एक और सहयोगी पशुपति पारस की लोक जनशक्ति का खाता खुल गया और वैशाली की सीट से इनके उम्मीदवार भूषण राय जीतने में कामयाब रहे.

राष्ट्रीय जनता दल और उसके नेता तेजस्वी यादव ने सर्वाधिक 23 उम्मीदवार उतारे थे, इस पार्टी को छह सीटों से संतोष करना पड़ा.तेजस्वी के प्रचार करने के बावजूद नवादा, मोतिहारी और मधुबनी से पार्टी के अधिकारिक प्रत्याशी के ख़िलाफ़ बाग़ी उम्मीदवार जीते. तेजस्वी के लिए संतोष की बात यह रही कि ऊंची जाति के पटना, सहरसा और मुंगेर से उनके प्रत्याशी जीत गए. कांग्रेस के एक उम्मीदवार बेगूसराय से पार्टी का खाता खोलने में कामयाब रहे. भाजपा के नेताओं के लिए ये बात निश्चित रूप से परेशान करने वाली रही कि सारण सीट से बाग़ी उम्मीदवार सच्चिदानंद राय फिर जीते. यह उनके केंद्रीय नेतृत्व के कई शीर्ष नेताओं को अच्छा नहीं लगा होगा. हालांकि सभी दल इस हार के पीछे जीतने वाले प्रत्याशी के बेहतर या अधिक खर्च करने की क्षमता को मुख्य कारण बता रहे हैं लेकिन चुनावी प्रबंधन में सभी पुराने दल कहीं न कहीं मात खाते दिखे. नीतीश कुमार के लिए परेशानी का कारण न सिर्फ बीजेपी का उनसे अधिक सीटों पर जीतना रहा बल्कि तेजस्वी की पार्टी का जेडीयू से एक सीट अधिक जीतना भी उन्‍हें निश्चित रूप से परेशान कर रहा होगा.

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किस पार्टी को कितनी सीटें मिली

BJP - 7

JDU - 05

LJP - 01

कांग्रेस - 01

RJD -06

निर्दलीय - 04

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