वो ना तो मां के आंचल में खेल पाई और न ही मां की ममता को समझ पाई

बोरे में बंद एक नवजात कचरे की ढेर पर मिली तो सफाई कर्मचारी फरिश्ता बनकर आया. जानिए बच्ची के लिए कैसे बना वो फरिश्ता...

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बिहार पुलिस भी मामले की जांच कर रही है.

वो ना तो मां के आंचल में खेल पाई और न ही मां की ममता को समझ पाई. इससे पहले ही एक मां ने अपने ही हाथों से अपने अंश को कचरा के ढेर पर फेंक कर फरार हो गई. मामला बखरी थाना क्षेत्र के नगर परिषद वार्ड 13 में कचरे के डिब्बे में एक नवजात बच्ची मिलने के बाद सनसनी फैल गई. नवजात करीब 1 दिन पहले की बताई जा रही है. 

क्या है पूरा मामला 

मंगलवार की सुबह बोरे में बंद एक नवजात कचरे की ढेर पर लावारिस अवस्था में पड़ी मिली. जहां मारवाड़ी विवाह भवन के निकट नगर परिषद के सफाई कर्मीं कचरा साफ कर रहे थे. इसी दौरान कचरे के डिब्बे के ढेर पर एक नवजात बच्ची मिली. सूचना मिलते ही मौके पर आसपास के लोग जुट गए. मौके पर जुटे लोग नवजात बच्ची को कचरे के ढ़ेर पर देखने के बाद उसकी मां को कोस रहे थे. मां को ममता भी याद नहीं आई कि उसने जिस बच्चे को 9 माह तक पेट में रखा, उसे तड़पने के लिए कैसे छोड़ दिया? 

क्या बोले सफाईकर्मी 

सफाई कर्मी किशन मलिक ने बताया कि सड़क किनारे साफ सफाई कर रहे थे, इसी दौरान एक नवजात बच्ची कचरे के डिब्बे पर रो रही थी. वह उसे इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां बच्ची स्वस्थ बताई गई.

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गोद लेने की इच्छा जताई

बच्ची को बचाने वाले सफाई कर्मी किसन मलिक ने बताया कि उसको दो बेटे हैं, लेकिन बेटी नहीं है. इस कारण उन्होंने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जताई है. इस घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. फिलहाल बच्ची का इलाज जारी है और वह खतरे से बाहर है.

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