बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की साहेबगंज विधानसभा सीट राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण रही है. ये बाया नदी के किनारे बसी है. इसकी सीमाएं उत्तर में पूर्वी चंपारण जिले के मेहसी और कल्याणपुर तथा दक्षिण में गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर से लगती हैं. 2020 की मतदाता सूची के अनुसार, इस सीट पर कुल 3,08,120 वोटर हैं.
प्रमुख मुद्दे और मांगें
इस क्षेत्र की जनता की प्रमुख मांगें वर्षों पुरानी हैं. फतेहाबाद में गंडक नदी पर पुल और ईशा छपरा घाट में बाया नदी पर पुल की मांग सबसे आगे है. साथ ही, पेयजल और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं भी यहां की बड़ी समस्याएं बनी हुई हैं.
जातीय समीकरण
साहेबगंज में राजपूत, यादव, मुस्लिम और भूमिहार मतदाताओं की संख्या अधिक है, जो चुनाव परिणाम को सीधे प्रभावित करते हैं. इनके अलावा, वैश्य, निषाद और अन्य पिछड़ी जातियों के वोट भी निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं.
ऐतिहासिक चुनावी परिणाम (राजू सिंह बनाम रामविचार राय): यह सीट मुख्य रूप से राजू कुमार सिंह और रामविचार राय के बीच मुकाबले का मैदान रही है
2020 चुनाव: राजू कुमार सिंह (तत्कालीन VIP उम्मीदवार) ने राजद के राम विचार राय को 15,333 वोटों के अंतर से हराया। राजू सिंह को 81,203 वोट मिले, जबकि रामविचार राय को 65,870 वोट मिले थे। (राजू सिंह बाद में भाजपा में शामिल हो गए).
2015 चुनाव: राजद के रामविचार राय ने जीत हासिल की थी, उन्हें 70,573 वोट मिले, जबकि भाजपा के राजू कुमार सिंह को 59,923 वोट मिले थे.
2010 चुनाव: राजू कुमार सिंह (तत्कालीन JDU उम्मीदवार) ने राजद के रामविचार राय को हराकर जीत हासिल की थी.
वर्तमान स्थिति और ज़िले का परिदृश्य
आगामी चुनाव के लिए भाजपा से वर्तमान विधायक राजू कुमार सिंह प्रमुख दावेदार हैं, जबकि महागठबंधन की ओर से अभी तक कोई दावेदार सामने नहीं आया है. मुजफ्फरपुर जिले की 11 सीटों में से कांटी, गायघाट, मीनापुर और बोचहा पर राजद का कब्ज़ा है. वहीं, कुढ़नी, औराई, बरूराज, साहेबगंज और पारू पर भाजपा का कब्जा है, जबकि सकरा से जदयू और मुजफ्फरपुर नगर से कांग्रेस की जीत हुई थी.