- बिहार में इंडिया गठबंधन ने सीट बंटवारे के लिए 2024 लोकसभा और 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों को आधार बनाया है
- कांग्रेस ने पहली बार सीटें जीत के प्रतिशत के आधार पर मांगी हैं, जो गठबंधन में एक बड़ा बदलाव है
- मुकेश सहनी ने बैठक के बाद कहा कि वीआईपी को डिप्टी सीएम पद मिलने की संभावना है और हम सरकार बनाएंगे
Bihar Politics: बिहार की सियासत एक बार फिर अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. तेजस्वी यादव के आवास पर रविवार देर रात तक चली इंडिया गठबंधन (INDIA) की अहम बैठक ने चुनावी हलचल को और तेज कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक सीट बंटवारे को लेकर अब लगभग अंतिम सहमति बन चुकी है. उम्मीद है कि 7 अक्टूबर को गठबंधन की ओर से संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीट शेयरिंग का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा.इस बैठक में तेजस्वी यादव, मांगनी लाल मंडल, अब्दुल बारी सिद्दीकी, कृष्णा अल्लावारू, राजेश राम, मुकेश सहनी सहित इंडिया गठबंधन के लगभग सभी प्रमुख घटक दलों के नेता मौजूद रहे. बैठक देर रात तक चली, जिसमें प्रत्येक सीट पर गहन चर्चा हुई.
सीट बटवारे का फार्मूला: प्रदर्शन और जीत के प्रतिशत पर आधारित
सूत्रों के अनुसार, इस बार इंडिया गठबंधन ने सीट शेयरिंग का आधार 2024 लोकसभा चुनाव और 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों को बनाया है. जहां किसी दल की हार 10 हजार वोटों से कम अंतर से हुई थी, उन सीटों पर वही दल दोबारा उम्मीदवार उतारेगा. कांग्रेस ने इस बार साफ कर दिया है कि वह अपने जीत के स्ट्राइक रेट के आधार पर ही सीटें लेगी. यानी भावनाओं की जगह डेटा आधारित वितरण होगा. गठबंधन के भीतर यह एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है, क्योंकि पिछली बार कई सीटें बिना प्रदर्शन मूल्यांकन के दी गई थीं.
प्रस्तावित सीट शेयरिंग फार्मूला (अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक)
राजद (RJD) – 130 सीटें
कांग्रेस (INC) – 55 सीटें
वामदल (Left parties) – 35 सीटें
वीआईपी (Mukesh Sahni) – 20 सीटें
JMM और RLJP – राजद अपने कोटे से 5 सीटें देगी
वामदल को लेकर भी फार्मूला लगभग तय है
CPI को 6 सीटें,
CPM को 4 सीटें,
और CPI(ML) को 25-27 सीट की संभावना
लेफ्ट पार्टियों का क्या रुख
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस कोटे से पान समाज के नेता आईपी गुप्ता को टिकट मिलने की सहमति बन चुकी है. तेजस्वी आवास से निकले नेताओं ने दिए संकेत सब कुछ तय हो चुका है.राजद के विधायक और पूर्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि यह इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक थी. जाहिर है चुनाव का समय है, उसी को लेकर चर्चा हुई है. एक-दो दिन में सब कुछ तय हो जाएगा और मीडिया को विस्तार से जानकारी दी जाएगी. वहीं लेफ्ट पार्टियों के विधायकों ने दावा किया कि महागठबंधन में सभी बातें फाइनल हो चुकी हैं. दो दिन के अंदर प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे फॉर्मूले की घोषणा होगी.
मुकेश सहनी बोले, डिप्टी सीएम बनेंगे
मुकेश सहनी का आत्मविश्वास सरकार हम बनाएंगे, डिप्टी सीएम भी हम ही बनेंगे. बैठक के बाद बाहर निकलते हुए VIP सुप्रीमो मुकेश सहनी ने कहा कि बैठक बहुत सकारात्मक रही. खाना-पीना भी हुआ, और इस पर चर्चा हुई कि हम किस रणनीति से लड़ेंगे. सीट शेयरिंग को लेकर कोई दिक्कत नहीं है, सब कुछ तय हो चुका है. दो-तीन दिन में औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी.डिप्टी सीएम के सवाल पर उन्होंने हल्के अंदाज़ में कहा कि इसमें भी कहने वाली क्या बात है? शुभ-शुभ बोलिए, हम हैं, सरकार बनाएंगे और डिप्टी सीएम बनेंगे. उनके इस बयान से यह संकेत जरूर गया कि वीआईपी को इस बार गठबंधन में सम्मानजनक स्थान दिया जा सकता है.
कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने दिए संकेत
बैठक के बाद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि हम लोग लगभग 5 घंटे तक बैठे रहे. एक-एक सीट पर क्रॉस सिटिंग करके चर्चा हुई. छह पार्टनर ने अपने-अपने स्पेस को लेकर गहन चिंतन किया. जहां सीटों की अदला-बदली की ज़रूरत थी, वहां खुलकर बातचीत हुई. ठोस रिजल्ट तक पहुँचे हैं और अब अलग-अलग वन-टू-वन मीटिंग्स से अंतिम रूप दिया जाएगा.उन्होंने आगे कहा कि कौन कितनी सीट पर लड़ेगा, यह मुद्दा नहीं है. अहम बात यह है कि हम सभी दल आपसी समझदारी और संवाद के ज़रिए एक न्यायप्रिय साझेदारी की तरफ बढ़ रहे हैं.
अंदर की खबर: सीटें फाइनल, घोषणा बस औपचारिकता
गठबंधन के करीबी सूत्रों का कहना है कि 95% सीट शेयरिंग पर सहमति बन चुकी है. अब सिर्फ कुछ सीमाई जिलों और शहरी सीटों पर अंतिम चर्चा बाकी है. तेजस्वी यादव की रणनीति इस बार यह है कि सीटों पर न्यायसंगत वितरण के साथ-साथ लोकल समीकरण को प्राथमिकता दी जाए. यही वजह है कि डाटा एनालिसिस टीम को प्रत्येक सीट का 2020 और 2024 का वोट शेयर निकालने का टास्क दिया गया है.
इस बार की सीट शेयरिंग में दिखा नया आत्मविश्वास
इस बैठक की सबसे खास बात यह रही कि किसी भी दल ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर नहीं की. पिछले चुनाव की तुलना में इस बार इंडिया गठबंधन के नेताओं में सहयोग की भावना और भरोसे का माहौल दिखा.
1. डेटा आधारित फार्मूला सीटों का बंटवारा अब परफॉर्मेंस और स्ट्राइक रेट पर आधारित है, जो गठबंधन की गंभीरता को दिखाता है.
2. संतुलन की राजनीति राजद ने छोटे दलों जैसे VIP, JMM, RLJP को अपने कोटे से सीटें देने का निर्णय लिया, जिससे सहयोगी दलों को सम्मान मिला.
3. कांग्रेस का आत्मविश्वास पहली बार कांग्रेस ने क्लेम की बजाय डेटा बेस्ड डिमांड रखी, जो उसकी बदली हुई राजनीतिक रणनीति को दर्शाता है.
4. वाम दलों की मजबूती माले और सीपीआई को अपेक्षाकृत अधिक सीटें देकर राजद ने ग्रामीण इलाकों में लेफ्ट की जमीनी पैठ का लाभ लेने की कोशिश की है.
5. मुकेश सहनी की पुनः एंट्री वीआईपी को 20 सीटों का प्रस्ताव यह संकेत देता है कि महागठबंधन पिछली गलती सुधारते हुए सहनी को फिर किंगमेकर की भूमिका देना चाहता है.
7 अक्टूबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सबकी निगाहें
तेजस्वी यादव ने अभी तक औपचारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन अंदरखाने यह तय माना जा रहा है कि 7 अक्टूबर को इंडिया गठबंधन पटना में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, जिसमें सीटों की संख्या, प्रत्याशियों के चयन का प्रारंभिक शेड्यूल और साझा न्यूनतम कार्यक्रम (CMP) की झलक पेश की जा सकती है.
एकजुट विपक्ष बनाम सत्तारूढ़ गठबंधन
बिहार की राजनीति इस समय दो ध्रुवों पर बंटी है. एक ओर बीजेपी-जेडीयू की सत्ता गठजोड़ है और दूसरी ओर इंडिया गठबंधन जो अब एक नई रणनीतिक एकजुटता के साथ आगे बढ़ रहा है. तेजस्वी यादव की कोशिश साफ है एक लाइन में विपक्ष” तैयार करना. अगर सीट शेयरिंग के बाद कोई बड़ा मतभेद नहीं उभरता, तो यह गठबंधन 2025 विधानसभा चुनाव में एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने आ सकता है.