- बिहार चुनाव 2025 के दूसरे चरण में 122 सीटों पर वोटिंग हो रही है, जिनमें मुस्लिम बहुल क्षेत्र प्रमुख हैं
- कई मुस्लिम बहुल सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 60% से अधिक है, जिससे उनकी भूमिका निर्णायक बनती है
- जोकीहाट, अररिया, अमौर, बायसी और बलरामपुर जैसी सीटों पर AIMIM, JDU और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है
Bihar Election 2nd Phase बिहार चुनाव 2025 में दूसरे फेज की 122 सीटों पर आज वोटिंग हो रही है. मुस्लिम बहुल सीटों पर मतदान प्रतिशत काफी अच्छा देखने को मिल रहा है. मुस्लिम वोटर्स में मतदान के प्रति उत्साह देखने को मिल रहा है. इस चरण में सबसे निर्णायक मुकाबला मुस्लिम बहुल सीटों पर है. इस चरण में कई सीटों पर मुस्लिम वोटरों की संख्या 60% से ज्यादा है. ऐसी सीटों पर मुस्लिम वोटर्स निर्णायक भूमिका में हैं. इन सीटों पर होने वाली वोटिंग की रफ्तार काफी कुछ बयां कर देगी. मुस्लिम बहुल क्षेत्र जोकीहाट में भी मुकाबला काफी दिलचस्प है. इस सीट पर AIMIM-जेडीयू उम्मीदवारों के बीच टक्कर है. इसके अलावा अररिया, बहादुरगंज, अमौर, बायसी, कोचाधामन और बलरामपुर सीट पर भी मुस्लिम बहुल सीटें हैं, जिन पर सबकी नजर बनी हुई है.
कोचाधामन विधानसभा सीट
कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र में 70 फीसदी से अधिक मुस्लिम वोटर्स हैं. कोचाधामन के वर्तमान विधायक मुहम्मद इजहार असफी हैं, जो 2020 के चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के टिकट पर जीते थे.
| समय | वोटिंग प्रतिशत |
| 7 AM | 16.21% |
अररिया विधानसभा सीट
अररिया विधानसभा भी मुस्लिम बहुत सीट है, जहां से इस बार भी दो मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होती नजर आ रही है. अररिया सीट पर पिछले चुनाव में कांग्रेस के आबिदुर रहमान ने जेडीयू की शगुफ्ता अजीम को हराया था. इस हार को जीत में बदलने के लिए शगुफ्ता अजीम को वोटों की दूरी पाटनी होगी, क्योंकि पिछली बार दोनों के बीच 48 हजार वोटों का अंतर था.
| समय | वोटिंग प्रतिशत |
| 7 AM | 14.47% |
अमौर विधानसभा सीट
पूर्णिया का अमौर विधानसभा सीट मुस्लिम बहुल है। यहां करीब 70 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। इस सीट पर 2020 के विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने जीत दर्ज की थी. अमौर से विधायक और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखतरुल ईमान के सामने इस बार जेडीयू के सबा जफर और कांग्रेस के जलील मस्तान से हैं. मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के कारण यहां धार्मिक धुव्रीकरण नहीं पाता है.
| समय | वोटिंग प्रतिशत |
| 7 AM | 14.66% |
जोकीहाट विधानसभा सीट
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने पिछले विधानसभा में इस सीट से जीत दर्ज की थी. जोकीहाट में एआईएमआईएम के शाहनवाज आलम ने राजद के सरफराज आलम को 2020 चुनाव में हराया था. लेकिन बाद में शाहनवाज ने राजद का दामन थाम लिया था. इस बार राजद ने शाहनवाज आलम को ही इस सीट से मैदान में उतारा है. जेडीयू ने इस सीट पर मंजर आलम को चुनाव मैदान में उतारा है.
| समय | वोटिंग प्रतिशत |
| 7 AM | 14.94% |
बहादुरगंज विधानसभा सीट
किशनगंज जिले की बहादुरगंज विधानसभा सीट, जो कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र मानी जाती है, इस बार भी राजनीतिक दलों के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम है. इस सीट पर 2020 में मोहम्मद अंजार नईमी ने एआईएमआईएम के टिकट पर जीता. लेकिन नईमी ने बाद में राजद का दामन थाम लिया. इस बार एआईएमआईएम ने मोहम्मद तौसीफ आलम को अपना उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने मोहम्मद मसवर आलम और एनडीए की ओर से एलजेपी (R) के मोहम्मद कलीमुद्दीन को मैदान में उतारा गया हैं.
| समय | वोटिंग प्रतिशत |
| 7 AM | 15.50% |
बायसी विधानसभा सीट
बायसी विधानसभा सीट से आरजेडी ने अपने मौजूदा विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहमद का टिकट काट दिया है. पार्टी ने यहां से पूर्व विधायक अब्दुस सुभान को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने पूर्व विधायक विनोद यादव, जबकि AIMIM ने गुलाम सरकार को उम्मीदवार बनाया है.
| समय | वोटिंग प्रतिशत |
| 7 AM | 15.33% |
बलरामपुर विधानसभा सीट
बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 60.80 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं. यहां से 2020 में CPI(ML)(L) के महबूब आलम ने 104,489 वोट (51.11%) प्राप्त करते हुए VIP के वरुण कुमार झा को 53,597 मतों के भारी अंतर से हराया.
| समय | वोटिंग प्रतिशत |
| 7 AM | 13.18% |














